अचानक फिंगर-4 से हटे चीनी, भारत को छोड़ना पड़ा अपना ही कब्जा

अचानक फिंगर-4 से हटे चीनी, भारत को छोड़ना पड़ा अपना ही कब्जा

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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन की सीमा एलएसी पर गुरुवार को सबसे आश्चर्यजनक वाकया यह सामने आया कि जब अचानक फिंगर-4 पर कब्जा जमाए बैठे चीनी सैनिक पीछे खिसककर फिंगर-5 पर चले गए। पैंगोग एरिया से पीछे हटने की इस प्रक्रिया में भारत को अपना ही क्षेत्र खाली करके फिंगर-3 पर आना पड़ा है। […]
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन की सीमा एलएसी पर गुरुवार को सबसे आश्चर्यजनक वाकया यह सामने आया कि जब अचानक फिंगर-4 पर कब्जा जमाए बैठे चीनी सैनिक पीछे खिसककर फिंगर-5 पर चले गए। पैंगोग एरिया से पीछे हटने की इस प्रक्रिया में भारत को अपना ही क्षेत्र खाली करके फिंगर-3 पर आना पड़ा है। फिंगर-4 से चीन के इतनी आसानी से पीछे हट जाने के पीछे भी उसकी कोई गहरी चाल मानकर भारत भी अपनी तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता।  
पीएलए के सैनिकों ने मई के शुरुआती दिनों से ही पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 तक कब्जा कर लिया था। मौजूदा तनाव से पहले चीन का फिंगर-8 में एक स्थायी कैम्प था। इसे ऐसे समझना आसान होगा कि फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच आठ किमी. की दूरी है। इस तरह देखा जाए तो चीन ने आठ किलोमीटर आगे बढ़कर फिंगर-4 पर पैंगोंग झील के किनारे आधार शिविर, पिलबॉक्स, बंकर और अन्य बुनियादी ढांंचों का निर्माण कर लिया। इसी तरह पीएलए ने फिंगर 5 के पास 2 और बंकरों का निर्माण किया है। अब यहां चीन के कुल 6 बंकर हो गए हैं। पैंगोग एरिया को पूरी तरह खाली कराने के लिए जल्द ही कोर कमांडर स्तर की बैठक होने वाली है। 
दरअसल पैंगोग एरिया के फिंगर-4 से फिंगर-8 तक भारतीय सेना शुरू से ही पेट्रोलिंग करती रही है। अब जब चीनी सैनिक फिंगर-4 से फिंगर-5 तक पीछे हुए हैं तो भारतीय सैनिकों को भी फिंगर-4 से फिंगर- 3 की तरफ पीछे आना पड़ा है। हालांकि चीनी सैनिक अभी भी रिज लाइन पर हैं। आज शाम को ही चीनी सैनिक फिंगर-4 से फिंगर-5 पर गए। यहां पर भारतीय सैनिकों का पीछे जाना आश्चर्यजनक कदम है क्योंकि फिंगर-4 हमेशा ही भारतीय सेना के कंट्रोल में रहा है। चीनियों को पीछे खदेड़ने के चक्कर मेंं भारतीय सैनिक फिंगर-3 तक ही सीमित रह गए है जहां भारत का पहले से ही आधार कैम्प था। फिंगर-5 से 8 तक का इलाका चीनियों से खाली कराना अब भी भारत के लिए चुनौती बना हुआ है क्योंकि चीनी यहांं से पीछे हटने के मूड में फिलहाल नहीं दिखते। 
कोर कमांडर स्तर की 30 जून को हुई बैठक में भारत और चीन के बीच बनी सहमति के आधार पर 2 जुलाई से शुरू हुए इस अभियान में एक हफ्ते के भीतर तीन विवादित जगहों गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट चुुकी हैं। गोगरा पोस्ट यानी पेट्रोलिंग प्वाइंट-17ए के पास से गुरुवार को भारतीय और चीनी सैनिक करीब डेढ़-दो किलोमीटर पीछे हटे हैं लेकिन अभी यहां वेरिफिकेशन होना बाकी है। पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 और 15 से दोनों सेनाओं के पीछे जाने का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है जिसका सत्यापन भी स्थानीय कमांडर स्तर पर किया जा चुका है। यहां से भारतीय और चीनी सैनिक अपने भारी हथियारों और बख्तरबंद वाहनों को लगभग 1 से 2 किमी. दूर वापस ले गए हैं। 
इस तरह देखा जाए तो तीन विवादित जगहों गलवान में पीपी-14, हॉट स्प्रिंग में पीपी-15 और गोगरा में पीपी-17ए से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं। यहां बफर जोन बनने के बाद दोनों देशों के सैनिक अब एक दूसरे से करीब 2-3 किलोमीटर दूर हो गए हैं। 
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