नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं और 12वीं की बची परीक्षाएं करवाने के निर्णय का विरोध किया है। संगठन ने बोर्ड से अनुरोध किया है कि वह बोर्ड परीक्षाओं के लिए इतनी जल्दी न करें क्योंकि वैश्विक महामारी के चलते जारी ल़ॉकडाउन में पहले से ही छात्रों चिंता और भय का माहौल है। ऐसे में बाकी परीक्षाएं देने में बच्चों को काफी समस्याएं होंगी।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी लोकेश चुघ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कोरोनावायरस के कारण देश की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। जुलाई का महीना निकट है और हमें स्थिति के बेहतर होने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में हम उन छात्रों को तैयार नहीं कर सकते जो मानसिक रूप से स्थिर नहीं होंगे।
चुघ ने कहा कि अगर छात्रों पर सेनिटाइज़र ले जाने और परीक्षा हॉल में अन्य सावधानियों का ध्यान करने का दवाब होता है तो इस परिस्थिति के साथ उनके जीवन को दांव पर लगाने की तरह होगाl ऐसे में बच्चों पर बिल्कुल भी बोझ नहीं डाला जाना चाहिए और न ही उन्हें झूठी उम्मीदें दी जानी चाहिए।
एनएसयूआई ने मांग कि है कि सीबीएसई जुलाई माह में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के इस नोटिस को वापस ले। साथ ही उन्हें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि पूरी स्थिति बेहतर न हो जाए या फिर अपने पिछले पेपर के परिणामों के आधार पर छात्रों को प्रमोट करें।
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