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बेगूसराय। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) बरौनी के द्वारा कराए जा रहे एशपौंड के निर्माण पर अगले आदेश तक के लिए रोक लग गई है। ऊपजाऊ भूमि अधिग्रहण मुक्ति मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान, अधिकारी और एनटीपीसी के अधिकारी से त्रिपक्षीय वार्ता के बाद पटना के डीएम ने यह आश्वासन दिया है। वार्ता के दौरान डीएम ने तीनों पक्षो को गंभीरतापूर्वक सुना तथा कागजात देखने के बाद मामले को लेकर एनटीपीसी के उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराने की बात कही है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि अगर टेक्निकल परेशानी नहीं होगी तो वैकल्पिक जमीन की व्यवस्था करेंगे। किसानों के कागजात से संतुष्ट हैं। स्थल निरीक्षण कर आगे की कार्रवाई होगी और तब तक एशपौंड का निर्माण कार्य बंद रहेगा।
प्रतिनिधि डल में शामिल कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अभय कुमार सिंह सार्जन, कुमार रत्नेश टुल्लू, उपजाऊ भूमि अधिग्रहण मुक्ति मोर्चा के सचिव गोपाल कुमार समेत अन्य का कहना है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा पांच में यह उपबंध है कि पांच वर्षों तक अधिग्रहित भूमि पर कब्जा नहीं होने की स्थिति में उक्त जमीन रैयत को वापस हो जाएगी। इस जमीन की सर्वे पूर्व बंदोबस्ती का खतियान मौजूद है। 2011 तक का राजस्व रसीद भी उपलब्ध है। इस 290 एकड़ जमीन पर एशपौंड बनाने से आसपास की दो हजार एकड़ जमीन बंजर हो जाएगी। 15 गांव के ढ़ाई लाख से अधिक लोग प्रभावित होंगे, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा विभिन्न गंभीर बीमारियों में वृद्धि हो जाएगी। लेकिन विरोध के बावजूद 20 दिन पहले मोकामा अंचल अधिकारी के आदेश पर लहलहाती फसल को जेसीबी एवं ट्रैक्टर से रौंंद दिया गया। थर्मल के पास पूर्व में भी ऐशपौंड था लेकिन रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो गया तथा बगल में मौजूद मल्हीपुर मौजा नंबर 503 की 847 एकड़ जमीन बंजर हो गई। हम किसान राष्ट्र हित में विकास कार्य के विरोधी नहीं हैं तथा बंजर हो चुकी थर्मल के बगल की जमीन देने के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके बदले पांच किलोमीटर दूर तीन फसला उपजाऊ जमीन पर एशपौंड का निर्माण कराया जा रहा है जिसके कारण भारी गतिरोध उत्पन्न हो गया है तथा विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठी भांजी, जिसमें दर्जनों किसान घायल हो चुके हैं।