छपरा। सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने जिले के लगभग सभी थानाध्यक्ष समेत 54 पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ एक साथ बड़ी कार्रवाई की है।
रविवार को एसपी ने बताया कि कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने तथा सरकारी आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में सभी थानाध्यक्षों एक दिन की वेतन में कटौती करने तथा 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण पूछे जाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा एक निंदन की सजा भी दी गई है।
उन्होंने बताया कि अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था का बेहतर ढंग से संधारण, शराबबंदी, वाहन जांच अभियान, रात्रि गश्ती फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर दिए गए आदेशों का अनुपालन नहीं करने के आरोप में चिन्हित कर थानाध्यक्ष समेत 54 पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि इसमें प्रभारी थानाध्यक्ष भी शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न महत्वपूर्ण कांडों के अनुसंधानकर्ता, अपर थानाध्यक्ष( अनुसंधान) अपर थानाध्यक्ष (विधि व्यवस्था) भी शामिल है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शराब बनाने बेचने भंडारण करने तथा धुलाई करने पर रोक लगाने के लिए तीन दिवसीय है। अभियान चलाया जा रहा है इस अभियान के दौरान प्रभावकारी ढंग से काम नहीं करने वाले थानाध्यक्ष और पुलिस पदाधिकारियों को भी चिन्हित किया गया है और उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
एसपी ने बताया कि संतोषजनक जवाब नहीं देने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तथा अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस अधीक्षक के सख्त कदम से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। कर्तव्य के प्रति लापरवाह तथा मनमानी करने वाले पुलिस पदाधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है। बताते चलें कि इस वर्ष में यह जिले के पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई है। नए वर्ष में एक जनवरी को पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थापित संतोष कुमार ने कई प्रभाव कारी तथा महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खासकर विधि व्यवस्था नियंत्रण तथा अपराध नियंत्रण के लिए उनके द्वारा लगातार मुहिम चलाई जा रही है और एक माह के अंदर करीब 700 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जिसमें सबसे अधिक लगभग 300 शराब कारोबारी जेल भेजे गए हैं। इतना ही नहीं नए पुलिस अधीक्षक के कड़े रुख के कारण वर्षों से फरार चल रहे महत्वपूर्ण हत्याकांडों के वांछित अपराधियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण भी किया है, जिसमें एसआइटी के दरोगा मिथिलेश तथा सिपाही फारुख अली हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुबोध सिंह का आत्मसमर्पण भी शामिल है। इतना ही नहीं इसी माह में एसआइटी दरोगा हत्याकांड में प्रयुक्त एके-47 भी नए एसपी के प्रयास से बरामद करने में सारण पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। इसी अवधि में वर्षो से फरार कुख्यात नक्सली गणेश शर्मा को भी गिरफ्तार करने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की। शुरुआती दौर में ही पुलिस अधीक्षक ने चार के अंदर करीब 200 से अधिक अपराधियों तथा शराब कारोबारियों को पूरे जिले में अभियान चलाकर गिरफ्तार करवाया था।