मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण। जिला पदाधिकारी रमण कुमार गुरुवार को मेहसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रखंड व अंचल का निरीक्षण किया और समीक्षात्मक बैठक अधिकारियों व कर्मियो के साथ किया। इस बैठक में जापानी इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम चमकी बुखार को ले प्रखंड के सभी मुखिया को भी आमंत्रित किया गया था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बैठक में डीएम ने कहा कि चमकी बुखार गरीब परिवार व कुपोषित बच्चों के बीच अधिक हो रहा है। जिस भी स्वस्थ्य कर्मी के क्षेत्र में बच्चो के बीच ऐसे लक्षण की जानकारी हो तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य को सूचित करें।
जब तक इस बीमारी आए छुटकारा नही हो जाता डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियो की छुट्टी रद्द रहेगी। मानवता के तहत कार्य होना चाहिये न कि डियूटी का खानापूर्ति। बैठक के दौरान को माँ के बाद नर्स का स्थान देते हुए कहा कि जो कार्य माँ नही कर पाती वह कार्य नर्स करती है। इस दौरान सिविल सर्जन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शिवभूषण कुमार की सभी व्यवस्था के बाद भी लोगो के बीच बीमारी को ले कम जागरूकता को ले जम कर क्लास ली। उन्हें बीमारी के बचाव हेतु पम्पलेट छपवा प्रचार प्रसार के साथ वितरण कराने को कहा। उन्होंने स्वस्थ्य विभाग को फटकार लगाते हुए कहा कि हमे बच्चो का शव नही गिनना है बल्कि बचाव करना है। किसी भी प्रकार का बुखार हो उसका उपचार होना चाहिये। जिसके क्षेत्र में ऐसी बीमारी का पता चले अभिभावक से पहले कर्मी पहुँच जाए। इसके लिए माइकिंग भी कराये। इस दौरान बैठक में अनुपस्थित आधा दर्जन नर्स व करीब 100 आशा कार्यकर्ताओं को पद मुक्त करने की बात कही। गाज गिरने वाले नर्स में रेणु कुमारी गीता कुमारी समा आरा पूनम सहित अन्य नर्स है। लेकिन बाद में वे अगली जाँच में दोषी पाए जाने पर करवाई होगी टालने के संकेत दिया। इस दौरान उक्त बीमारी के मरीज के लिए बने वार्ड का निरीक्षण किया और संतोष व्यक्त किया। प्रखंड के बैठक में पंचायतों में आरटीपीएस कार्यालय खोलने योजनाओ को गति प्रदान करने का निदेश दिया।जानकारी हो कि उत्तर बिहार में विगत दो दशक से पाँव पसार रहा जापानीज इंसेप्लेटिस सिंड्रोम के कारण 03 साल व 14 वर्ष के बीच बच्चो को तेज बुखार का आना और देखते ही देखते काल कौलवित हो जाना स्वास्थ विभाग के लिए पहेली बना हुआ है। इस बीमारी से मेहसी सहित पूरा उत्तर बिहार भयभीत है। वही इस बीमारी का उचित हल ढूंढने की गरज से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का मुजफ्फरपुर आना था मगर अंतिम समय मे स्थगित हो गया जिस से इस क्षेत्र के लोगों में निराशा झलक रही है। जिलाधिकारी ने आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहित अन्य श्रोत से व्यापक प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया की लोग इस तरह का लक्षण पर फ़ौरन प्राथमिक उपचार केंद्र लाए यहाँ इस बीमारी का इलाज सम्भव है। बैठक में बीडीओ गौरी कुमारी, सीओ रविशंकर ,डॉ उदयभान सिंह, डॉ शिव भूषण , जेएसएस पिंटू कुमार, सीडीपीओ रीमा कुमारी, मुखिया मदन साह, कपिल मुनि सहनी, मिथलेश कुमार, बबिता देवी, गीता देवी, इंदु चौधरी, सुरेश यादव, राकेश चौधरी, रामबहादुर महतो, सुरेन्द्र पासवान, सुदर्शन सिंह, केदार चौधरी, सुभाष चंद्र पांडेय, ब्रह्मचारी संजय सहीत अन्य कर्मी थे।