पूरे बिहार में 31मार्च तक लॉकडाउन,एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों के आने-जाने पर रहेगी रोक
सभी अत्यावश्यक सेवाएं रहेंगी बहाल, खाद्य पदार्थों, फल, सब्जी, दवा और पेट्रोल पंप रहेंगे खुले बैंकों से पैसा निकालने घर से बाहर निकल सकते हैं लोग
पटना। बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को कोरोना वायरस से मुंगेर के एक युवक सैफ अली की मौत के बाद राज्य सरकार ने रविवार की शाम पूरे बिहार को 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया है। बिहार में यह लॉक डाउन राज्य के सभी 38 जिलों के जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय और सभी प्रखंड मुख्यालयों में जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार की शाम इसकी घोषणा की। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में रविवार को उच्च स्तरीय बैठकों का दौर चलता रहा। इस उच्च स्तरीय बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार, गृह विभाग के अपर मुख्या सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत कई विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चली इस उच्च स्तरीय बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि राज्य में अब किसी भी व्यक्ति को बिना माकूल कारणों के घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। राज्य में सभी अत्यावश्यक सेवायें बहाल रहेंगी जिसमें स्वास्थ्य सेवा, पेट्रोल पंप, दवा और खाद्य पदार्थों की दुकानों आदि को लॉक डाउन से अलग रखा गया है। इसके अलावा फल- सब्जी की दुकानें, सर्जिकल आइटम की दुकानें और संस्थान, एलपीजी की दुकानें व गोदाम, पोस्टऑफिस, कुरिअर सेवाएं, ई-कॉमर्स सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मिडिया के साथ-साथ मालवाहक वाहन व एम्बुलेंस सेवा पहले की तरह बहाल रहेंगी।
इस बीच सरकार ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न होने दें। लॉक डाउन की स्थिति में जमाखोरी और निर्धारित कीमत से अधिक पैसे वसूलने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। सरकार ने फिलहाल राज्य के ग्रामीण इलाकों को लॉक डाउन से अलग रखा है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में भी भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों को एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा। राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि लॉक डाउन की स्थिति में लोगों को खाद्य पदार्थों, दवाइयां और बैंक से पैसे निकलने की छूट होगी। दरअसल, बिहार सरकार के सामने यह भी संकट है कि बिहार में जनसंख्या का घनत्व देश के अन्य राज्यों से अधिक है। ऐसे में यदि यहां कोरोना जैसे जानलेवा वायरस का प्रकोप बढ़ता है तो इस पर काबू पाना सरकार के वश की बात नहीं होगी। इससे पहले राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, मॉल, मंदिर और बाजार को सरकार ने 31 मार्च तक बंद रखने का एलान कर दिया था। राज्य में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से बिहार के पटना और बोधगया में विमान सेवा को बंद करने का आग्रह किया है। बता दें कि बिहार सरकार ने विगत 17 मार्च को राज्य में 123 साल पुराने महामारी एक्ट को लागू कर दिया है।
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