प्रवासियों का दर्द : अब बोंगाईगांव नहीं जाएंगे रामप्रवेश, गांव में ही बेचेंगे सब्जी

प्रवासियों का दर्द : अब बोंगाईगांव नहीं जाएंगे रामप्रवेश, गांव में ही बेचेंगे सब्जी

Reported By BORDER NEWS MIRROR
Updated By BORDER NEWS MIRROR
On
बेगूसराय। लॉकडाउन से उत्पन्न देशव्यापी भागम-भाग के बीच विभिन्न शहरों से घर वापसी का सिलसिला लगातार जारी है। लोग विभिन्न माध्यमों से अपने गांव लौट रहे हैं। लेकिन ट्रेन के सिवाय अन्य साधन से गांव लौटने वालों का सिलसिला अब कम हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली से आने-जाने के लिए स्पेशल वैशाली एक्सप्रेस […]
बेगूसराय। लॉकडाउन से उत्पन्न देशव्यापी भागम-भाग के बीच विभिन्न शहरों से घर वापसी का सिलसिला लगातार जारी है। लोग विभिन्न माध्यमों से अपने गांव लौट रहे हैं। लेकिन ट्रेन के सिवाय अन्य साधन से गांव लौटने वालों का सिलसिला अब कम हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली से आने-जाने के लिए स्पेशल वैशाली एक्सप्रेस तथा गुवाहाटी एवं मुंबई से आने-जाने के लिए स्पेशल लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस का परिचालन शुरू किए जाने से यह लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यातायात साधन के अभाव में पूर्वोत्तर के राज्यों में फंसे बिहार के लोग बड़ी संख्या में लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से वापस लौट रहे हैं। वापस लौटने वाले लोग जहां राज्य सरकारों को कोस रहे हैं, वहीं यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय को धन्यवाद दे रहे हैं। 
बेगूसराय का बरौनी जंक्शन पूर्वोत्तर भारत से आने वाले लोगों के लिए बड़ा सहारा बन रहा है। यहां ट्रेन रुकते ही बेगूसराय के अलावा समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज तक के लोग के प्रवासी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। बरौनी जंक्शन पर बोंगाईगांव, न्यू जलपाईगुड़ी और तिनसुकिया से आने वाले प्रवासियों का कहना है कि लॉकडाउन हो जाने के बाद जब काम धंधा बंद हो गया तो हम लोगों ने भी घर जाने का जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया। लेकिन पैदल आना संभव नहीं था, रास्ता उग्रवाद प्रभावित है, जिसके कारण किसी तरह वहीं दिन गुजारते रहे। घर के लोग रोज फोन करते थे तो उन्हें ठीक से रहने की जानकारी दे रहे थे। लेकिन वहां कुछ भी ठीक नहीं था, हालत बहुत ही दयनीय हो गई थी। कालाबाजारी करने वालों ने सामान के दाम दोगुने कर दिए थे। स्थानीय लोग कुछ राहत पहुंचा रहे थे, लेकिन उस पर कब्जा आसपास के रहने वाले दबंग कर लेते थे। उनसे बचने के बाद ही हम लोग राशन सामग्री और खाना ले पाते थे। 
बोंगाईगांव से अपने घर मुजफ्फरपुर के औराई लौट रहे रामप्रवेश राय ने बरौनी जंक्शन पर बातचीत में अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि दस साल से वहां रहकर सब्जी बेचते थे‌ किराए के मकान में अच्छा से गुजारा हो रहा था। लेकिन देशव्यापी लॉकडाउन होने के बाद स्थिति बदतर हो गई। घूम-घूम कर सब्जी बेचना शुरू किया तो स्थानीय लोग खरीदते थे। लेकिन चार-पांच दिन के बाद वहां के लोगों ने दूसरे प्रदेश के लोगों से कोई भी सामान खरीदना बंद कर दिया। जिधर जाते थे लोग मोहल्ले से वापस कर देते थे। इसके बाद स्थिति काफी विकट हो गई। बच्चों का पढ़ाई भी बंद हो गया था, घर में रहकर किसी तरह समय गुजार रहे थे। जब आसपास रहने वाले सभी लोग अपने घर लौट गए तो उसने भी घर लौटने का निश्चय किया। लेकिन छोटे बच्चों को लेकर पैदल घर आना संभव नहीं था। ट्रक वाले एक व्यक्ति का किराया दस हजार मांग रहे तो उसने वहीं रहकर किसी तरह समय व्यतीत करने का निर्णय लिया। बाद में जब मोदी जी ने स्पेशल ट्रेन चलाई तो उसने घर वापसी का जुगाड़ लगाया। लेकिन टिकट ही नहीं मिल रहा था, काफी कोशिश और स्थानीय दलाल से संपर्क करने पर किसी तरह टिकट मिला तो वहां मकान छोड़कर अब घर जा रहे हैं। घर पर ही सब्जी बेचने समेत अन्य कोई काम धंधा करेंगे, लेकिन लौटकर नहीं जाएंगे, यहां जो काम मिलेगा वही ठीक है। हालांकि बरौनी जंक्शन पर उतरने के बाद भी रामप्रवेश की कठिनाई कम नहीं हुई। यहां से मुजफ्फरपुर जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं थी, जिसके कारण ई-रिक्शा पकड़कर जीरोमाइल जा रहे हैं। जीरोमाइल से कोई बस पकड़ कर अपने गांव जाएंगे।
Tags:

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

Epaper

मौसम

NEW DELHI WEATHER