बरौनी रिफाइनरी ने नए तरीकों एवं नवोन्मेष के साथ मौजूदा प्रक्रियाओं में किया बदलाव
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बेगूसराय\ अप्रैल महीने में बरौनी रिफाइनरी ने रिफाइनरी संचालन को निरंतर बनाए रखने के लिए कई संघर्षों का सामना किया है। कोविड-19 के कारण उत्पादों के उत्पादन को बनाए रखने में कई कठिनाइयां हो रही थी। अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने के उद्देश्य से रिफाइनरी को कम थ्रुपूट पर भी संचालित किया गया। क्रूड […]
बेगूसराय\ अप्रैल महीने में बरौनी रिफाइनरी ने रिफाइनरी संचालन को निरंतर बनाए रखने के लिए कई संघर्षों का सामना किया है। कोविड-19 के कारण उत्पादों के उत्पादन को बनाए रखने में कई कठिनाइयां हो रही थी। अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने के उद्देश्य से रिफाइनरी को कम थ्रुपूट पर भी संचालित किया गया। क्रूड प्रोसेसिंग को 45 प्रतिशत स्तर, एलपीजी (घरेलू गैस) उत्पादन 75 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखा गया, एचएसडी (डीजल) उत्पादन 45 प्रतिशत स्तर एवं एमएस (पेट्रोल) को 30 प्रतिशत स्तर के उत्पादन पर रिफाइनरी का संचालन किया गया। विशेष परिचालन को बनाए रखने के लिए नए तरीकों एवं नवोन्मेष के साथ मौजूदा प्रक्रियाओं में बदलाव किए गए हैं।
पेट्रोलियम उत्पादों की मांग धीरे-धीरे बढ़ने के साथ इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी में लॉकडाउन के कारण बंद कई प्रोसेस इकाइयों को फिर से शुरू कर दिया गया है। रिफाइनरी थ्रूपुट् में बढ़ोतरी के साथ मई के अंत तक बरौनी रिफाइनरी के डिजाइन क्षमता के लगभग 80 प्रतिशत स्तर पर काम करने की योजना है।
कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने बताया कि बरौनी रिफाइनरी में अप्रैल में 23 टीएमटी एलपीजी, 38 टीएमटी एमएस (पेट्रोल) एवं 127 टीएमटी एचएसडी (डीजल) का उत्पादन किया गया। एलपीजी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अन्य उत्पादों को कम करते हुए रिफाइनरी ने एलपीजी का योजना से अधिक उत्पादन किया।
उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल देश की सेवा में सदैव समर्पित है। देशव्यापी लॉकडाउन ने पेट्रोलियम उत्पादों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को भले ही गंभीर रूप से प्रभावित किया हो, लेकिन बरौनी रिफाइनरी उत्पाद की मांग के बढ़ने पर उच्चतर थ्रूपुट के लिए तैयार है। लॉकडाउन से पहले बरौनी रिफाइनरी का उच्चतर थ्रूपुट पर संचालन हो रहा था, लेकिन मांग में कमी होने के कारण उत्पाद के संचलन के मद्देनजर अप्रैल के पहले सप्ताह तक रिफाइनरी का संचालन लगभग 45 प्रतिशत डिजाइन कैपेसिटी के नीचे करना पड़ा। पेट्रोल, डीजल, ईंधन तेल, कोलतार इत्यादि की बिक्री में पर्याप्त कमी के बावजूद, एलपीजी रसोई गैस की मांग में बढ़ोतरी हुई और बरौनी रिफाइनरी ने आरएफसीसी यूनिट से एलपीजी की उत्पादन में सुधार करके चुनौती का सामना बखूबी किया।
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