मोतिहारी। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, बिहार के चाणक्य परिसर के पं. राजकुमार शुक्ल सभागार में दिनांक 21.01.2021 को कुलपति प्रो. संजीव शर्मा के अध्यक्षता में डायस्पोरा अध्ययन केन्द्र का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. जी गोपाल रेड्डी ने सरस्वती पूजन के साथ दीप प्रज्जवलित कर डायस्पोरा अध्ययन केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अध्ययन केन्द्र को स्थापित करने के पीछे विश्वविद्यालय का उद्देश्य यह है कि शोधार्थियों व अध्यापकों को प्रवासन के क्षेत्र में नये शोध व आयामों को विकसित करना व भविष्योन्मुखी रोजगार की दिशा में फलीभूत करना है। और यह भी जानना है कि विदेशों में बसे प्रवासी भारतियों किस प्रकार अपने आप में सभी विशिष्टताएं समाहित किए हुए, ज्ञान, विज्ञान, कला और रीति-रिवाज के क्षेत्रों से उपार्जित की गयी अपनी संस्कृति को दोहरी संस्कृति के बावजुद संरक्षित कर पाये हैं। इस अवसर पर प्रो. नीरजा गुप्ता ने गिरमिटिया का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदुर अपनी सांस्कृतिक गठरी को साथ ले गये। आपने इस कविता के माध्यम प्रवासियों के भारत प्रेम को परिलक्षित किया:- ‘’छोड़ कर अपनी जमी को, दूर आ पहुंचे हैं हम दिल में है ये ही तमन्ना, तेरे जर्रों की कसम जिस जगह पैदा हुए, उस जगह ही निकले दम इस अवसर पर नीदरलैण्ड नागरिक भोजपुरी गायक राज मोहन ने अपने हर्ष को व्यक्त करते हुए कहा कि ‘हमनी क आपन देश, आपन जमीन बस छोड़ के, मन में भावना औरी दुख के साथ आपन सांस्कृति गठरी के लेके दूसरा देश के गईला जा।
आज हमनी के बहुत खुशी क बात बा की आज भारत देश के कोना-कोना में हम लोगन के इतिहास औरू संस्कृति के जानकारी मिल ता। भानमती जीन राम, न्यूयार्क में गुयाना की प्रतिनिधि ने बताया कि उनके पुरखे बोधगया से से गए थे। इस अवसर भावुक होकर उन्होंने प्रवासी भारतीयों पर शोध की आवश्यकता पर बल दिया। भारत में सूरीनाम की राजदूत आशना कन्हाई ने डायस्पोरा केन्द्र की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा विश्वविद्यालय के साथ सूरीनाम की शैक्षिक संस्थानों एवं छोत्रों के बीच सहयोग बढ़ाने का आवश्वासन दिया।