विद्यार्थी परिषद के आह्वान पर अराजकता के खिलाफ हजारों छात्रों ने लिखा पत्र

विद्यार्थी परिषद के आह्वान पर अराजकता के खिलाफ हजारों छात्रों ने लिखा पत्र

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बेगूसराय। माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) रद्द करने शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा चलाये जा रहे चरणबद्ध आंदोलन के ई-मेल भेजो अभियान के तहत सोमवार को हजारों छात्र-छात्राओं ने बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री को ई-मेल से मांग पत्र भेजकर आक्रोश व्यक्त किया है। लोहियानगर स्थित विद्यार्थी परिषद के जिला […]

बेगूसराय। माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) रद्द करने शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा चलाये जा रहे चरणबद्ध आंदोलन के ई-मेल भेजो अभियान के तहत सोमवार को हजारों छात्र-छात्राओं ने बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री को ई-मेल से मांग पत्र भेजकर आक्रोश व्यक्त किया है। लोहियानगर स्थित विद्यार्थी परिषद के जिला कार्यालय में पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा को लेकर भेदभाव कर रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गया है, शिक्षा को लेकर सरकार का नीति व नियति स्पष्ट नहीं है। सरकार विद्यार्थियों को भ्रम की स्थिति में रखना चाहती है। प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सोनू सरकार एवं प्रान्त छात्रावास कल्याण सह प्रमुख मुकेश कुमार ने कहा कि सुशासन के 15 वर्षों में अधिकतर प्रतियोगिता परीक्षा विवादों में रहा। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय शिक्षक विहीन होते जा रहे हैं। ना समय से परीक्षा हो रही है, ना समय से परिणाम आ रहे हैं, इसके लिए जिम्मेदार कौन है। जी.डी. कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार एवं नगर कार्यकारणी सदस्य राहुल कुमार ने कहा कि 11 जून को छात्रों का शिक्षण शुल्क माफ करने के लिए बिहार सरकार को खुला पत्र लिखा जायेगा, 13 जून को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया जाएगा और 15 जून को शैक्षणिक संस्थान के गेट पर सांकेतिक प्रदर्शन किया जायेगा। वहीं, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि आदित्य कुमार एवं प्रदेश कार्यकारणी सदस्य आजाद कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार के गलत नीति, हठधर्मी, राजनीतिक द्वेष के कारण हजारों छात्र-युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उच्च स्तरीय जांच और दोषी पदाधिकारियों के ऊपर करवाई क्यों नहीं किया गया। सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे, अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। 

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