श्रीशतचण्डी महायज्ञ का चौथे दिनउमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पीपराकोठी, पूर्वी चम्पारण। प्रखंड क्षेत्र के जीवधारा स्थित श्री राम जानकी मंदिर परिसर में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के चौथे दिन श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ उमड़ी। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आये महिला पुरुषों ने यज्ञ स्थल पर पहुंच कर पूजा अर्चना की वहीं बच्चों ने खेल तमाशों का जमकर लुफ्त उठाया। वहीं प्रवचन के दौरान आचार्यआशुतोषदत्त पराशर ने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कही कि हर मनुष्य के जीवन में सत्संग का विशेष महत्व है। सत्संग एक प्रकार का औषधालय है, जो आत्मा का उपचार करता है। जिस प्रकार एक रोगी व्यक्ति शारीरिक उपचार के लिए चिकित्सक के पास जाता है उसके परामर्श के अनुसार नियमित दवा का सेवन कर रोग से छुटकारा पता है। ठीक उसी तरह सद्गुरु के परामर्श से जो व्यक्ति नियमित सत्संग करता है, उसकी आत्मा की मलीनता का धीरे धीरे नाश हो जाता है। इस भौतिकतावादी सांसारिक वातावरण में रहते हुए मनुष्य की मनोदशा तथा बौद्धिक स्थिति मलीन हो जाती है। इसके शुद्धिकरण के लिए इस पूर्ण सद्गुरू की शरण ग्रहण कर मनुष्य सत्संग को नियमित कर आत्मिक शुद्धता को प्राप्त करता है। नियमित सत्संग करने से मानव के कुविचारों और कुसंस्कारों का नाश होता है तथा उसके मन बुद्धि में सुविचारों तथा अच्छे संस्कारों का संचार होता है। विचार की शुद्धता के परिणाम स्वरूप मनुष्य की वाणी पवित्र होती है तथा आचरण व्यवहार संतों के समान पवित्र हो जाता है। मौके पर मुख्य रूप से संरक्षक रामदेव गिरी, अध्यक्ष रामबाबू सिंह, सचिव भोलाशंकर प्रसाद जायसवाल, उमाशंकर साह सोनार, सुरेन्द्र गिरी, सुरेन्द्र यादव, विनोद कुमार, तारकेश्वर प्रसाद, मदन प्रसाद जायसवाल, श्याम किशोर यादव, पप्पू जायसवाल, मुरारी कुमार कुशवाहा, अधिवक्ता सुधीर कुमार, कृष्णा भगत व हरि सिंह सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद थे।