पकड़ीदयाल। प्रखंड के दर्जनों गांवों में विद्या की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती की पूजा पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पूरा क्षेत्र मां शारदे की भक्ति में डूबा रहा सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में सुबह से ही पूजा अर्चना का दौड़ शुरू हो गया था। खासतौर से छात्र छात्राओं ने पूरी निष्ठा के साथ मां सरस्वती की आराधना की पूजा और पंडालों के आसपास बज रहे भक्ति गीतों के माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया था।
पूजा अर्चना के बाद प्रसाद वितरण किया गया प्रचलित कथा के अनुसार ब्रह्मा जी ने उदासी तथा बलिंता को दूर करने के लिए अपने कमंडल से जल लेकर छिड़का उन जलकणों के पड़ते ही पेड़ो से एक शक्ति उत्पन्न हुई जो दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी तथा दो
हाथों में पुस्तक और माला धारण की हुई जीवों को वाणी दान की। इसलिए उस देवी को सरस्वती कहां गया। यह देवी विद्या बुद्धि देने वाली है, इसलिए बसंत पंचमी के दिन हार घर में सरस्वती की पूजा की जाति है। पूजा अर्चना के बाद कई स्कूलों में संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।