बेगूसराय। सरकार कोरोना वायरस से मुकाबला करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को चाहे जितनी सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर ले लेकिन धरातलीय सच्चाई इससे बहुत अलग है। कोरोना से लड़ने में 24 घंटे ड्यूटी करने वाले जिले के एएनएम को अन्य सुविधाएं तो दूर , कोरोना काल की अतिरिक्त राशि तक नहीं दी गयी है। खाना अपने घर से खाते रहे, ड्यूटी करते रहे। लेकिन छह माह से वेतन नहीं दिया गया है। इससे आक्रोशित होकर अब ये लोग प्रदर्शन पर उतर आए हैं। शनिवार को जिले के सभी एएनएम ने कार्य बहिष्कार किया जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका भारी असर पड़ा। सदर अस्पताल में जिला स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष के नेतृत्व एएनएम ज्ञापन देने पहुंची तो सिविल सर्जन अस्पताल छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद इन लोगों ने सिविल सर्जन की सरकारी गाड़ी और चालक को शाम तक घेर कर रखा। संघ के जिला अध्यक्ष आशा कुमारी ने बताया कि 2211 हेड के हम स्वास्थ्य कर्मियों को छह माह से वेतन नहीं दिया गया है जिसके कारण भुखमरी की हालत हो गई है। कोरोना काल के प्रोत्साहन राशि और अल्पाहार राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया आश्वासन सरकार पूरी नहीं करती है। हम लोगों के नेता जब पटना में मिलने गए तो विभागीय अधिकारियों ने फर्जी मुकदमा कर दिया है। अपने नेता पर किया गया मुकदमा वापस होने तक हम लोग आंदोलन करते रहेंगे। अपनी मांगों के लिए जरूरत पड़ी तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन कर रही एएनएम का कहना था कि सिविल सर्जन यहां रहने लायक नहीं हैं, जब से आए हैं सब काम पेंडिंग पड़ा हुआ है।
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