एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष का छोटे किसानों तक पहुंचाएं लाभ:  तोमर

एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष का छोटे किसानों तक पहुंचाएं लाभ: तोमर

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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि सुधारों के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ शुक्रवार को विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से देश के 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे व मझोले किसानों तक पूरा […]
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि सुधारों के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ शुक्रवार को विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से देश के 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे व मझोले किसानों तक पूरा फायदा पहुंचना जरूरी है। सरकार ने किसानों के लिए एकसाथ जितनी बड़ी राशि दी है, इतना फंड पहले कभी उपलब्ध नहीं हुआ।
तोमर ने शुक्रवार को विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस बैठक काे संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए अध्यादेश पूरी तरह से किसान हितैषी हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी गुमराह नहीं होना चाहिए, किसानों से एमएसपी पर उपज की खरीद पूर्व की तरह जारी रहेगी। बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों ने इस दौरान कहा कि किसानों की भलाई के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड का उपयोग करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करेंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र की नई स्कीम के तहत एफपीओ के गठन को भी राज्य सरकार आंदोलन के रूप में ले रही हैं। इनके माध्यम से फंड के सदुपयोग के लिए प्रस्ताव भेजे जाएंगे। प्रत्येक ब्लाक से कम से कम दो प्रस्ताव भेजेंगे। उन्होंने कहा कि नाबार्ड व एनसीडीसी को शामिल करते हुए मार्कफेड व अपेक्स बैंक की दो कमेटियां बनाई हैं। फंड से चलने वाली गतिविधियों का प्रारंभिक निर्धारण कर लिया है। 263 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों व 54 विपणन समितियों को चिन्हित किया गया है। एक जिला-एक पहचान की योजना बनाई है, जिससे जिलों में विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाएंगे। 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल हो सकेगा। हरियाणा में 108 मंडियों का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अच्छा है, जहां सीमांत क्षेत्रों की मंडियों में पड़ोसी राज्यों के किसान भी उपज रखते हैं। राज्य में पानी की समस्या के चलते धान की खेती को कम करके अन्य फसलों पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना बनाई है। एक लाख करोड़ रुपये के फंड में से हरियाणा के लिए छह हजार करोड़ रुपये का प्रावधान है, जिसके प्रोजेक्ट्स बना लिए हैं। 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय जरूरतों के अनुसार कृषि अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी, ताकि किसानों की समस्याएं दूर हों, उन्हें सुविधाएं मिलें।
बैठक की शुरुआत में केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि केंद्र लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि कृषि क्षेत्र में समृद्धता आए और किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी होनी चाहिए। इस दिशा में भारत सरकार ने एक के बाद एक कदम उठाएं हैं, जिसमें राज्यों ने जुड़कर बहुत अच्छा काम किया है, परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं। कृषि क्षेत्र में गैप भरने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना फंड की शुरुआत की है, जिससे गांव-गांव निजी निवेश बढ़ेगा, जिसका फायदा सीधे खेतों व छोटे-मझोले किसानों तक पहुंचना आवश्यक है। इस फंड से कृषि व ग्रामीण क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। 
तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार के अध्यादेशों से किसानों को बड़ा फायदा होने वाला है। कांट्रेक्ट फार्मिंग व क्लस्टर खेती होने से किसानों की आय वृद्धि होगी। दस हजार एफपीओ की स्कीम के लिए 6,865 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे 85 प्रतिशत छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। छोटे किसानों का रकबा, उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से इन एफपीओ की बड़ी भूमिका होगी। सामूहिक रूप से सिंचाई, खाद-बीज आदि सुविधाएं मिलने से खेती की लागत कम होगी। राज्यों से अगले दौर की बैठकों में भी चर्चा होगी।

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