एनआईए ने असम के कलिता हत्या मामले में उल्फा के खिलाफ दायर की चार्जशीट

एनआईए ने असम के कलिता हत्या मामले में उल्फा के खिलाफ दायर की चार्जशीट

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने असम पुलिस के सब इंस्पेक्टर भास्कर कलिता की हत्या के मामले में 7 उल्फा कैडरों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के नेता अरुणोदय दाहोटी और उसके गुट को आरोपी बनाया गया है। बोर्डमा पुलिस थाने के प्रभारी भास्कर कलिता की […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने असम पुलिस के सब इंस्पेक्टर भास्कर कलिता की हत्या के मामले में 7 उल्फा कैडरों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के नेता अरुणोदय दाहोटी और उसके गुट को आरोपी बनाया गया है।
बोर्डमा पुलिस थाने के प्रभारी भास्कर कलिता की हत्या 4 मई, 2018 को असम-अरुणाचल सीमा के साथ तिनसुकिया जिले में उल्फा (आई) कैडर के एक समूह के साथ मुठभेड़ में हुई थी। इसके दो दिन बाद तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह का 6 मई को प्रस्तावित दौरा था। रात में हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने उल्फा के दो नेताओं को मार गिराया, जबकि बोर्डमा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी भास्कर कलिता मुठभेड़ में उल्फा से लड़ते हुए शहीद हो गए। इसके लिए स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें पुलिस वीरता मेडल से भी सम्मानित किया गया। एनआईए ने चार्जशीट में उल्फा से जुड़े जिन सात लोगों को आरोपी बताया है, उनमें बिजित गोगोई, कांटो बोरा, संतोष गोगोई, जुशिंटा मोरन, बुबुल मोरन, दीपांकर बोराह और मामून दिहिंगिया शामिल हैं।
दरअसल, घटना के दिन थाना प्रभारी भास्कर कलिता को पता चला था कि तिनसुकिया से करीब 80 किमी दूर कुजुपथार गांव के एक घर में उल्फा कैडरों का एक समूह मौजूद है। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर उल्फा कैडरों की धर-पकड़ के लिए असम पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया। पुलिस की टीम ने परिसर को चारों ओर से घेर लिया। इस दौरान घर में छिपे उल्फा कैडरों ने छापेमारी टीम पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। थाना प्रभारी कलिता ने मोर्चा संभाल लिया। अंतत: यह बहादुर असम पुलिस अधिकारी उल्फा से लड़ते हुए शहीद हो गया।
एनआईए के आरोप पत्र के अनुसार उल्फा के आतंकियों ने थाना प्रभारी कलिता की एके -47 राइफल छीन ली और अंधेरे का फायदा उठाते हुए जंगल में फरार हो गए। ये सभी सशस्त्र उल्फा कैडर म्यांमार के एक शिविर से आए थे और उल्फा नेता अरुणोदय दाहोटी के निर्देश पर हमलों को अंजाम देने व धन जुटाने की योजना बना रहे थे। उसी वक्त पुलिस और अर्ध-सैन्य बलों की संयुक्त टीम ने छापा मारा था। इस दौरान उल्फा कैडरों ने कलिता की हत्या कर दी। आगे की जांच एनआईए कर रही है।

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