ओवरलोड से प्रतिवर्ष सरकार को करोड़ो के राजस्व की क्षति

ओवरलोड से प्रतिवर्ष सरकार को करोड़ो के राजस्व की क्षति

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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मदन कुमार मोतिहारी। सरकार की गलत नीतियों के कारण राजस्व की भारी क्षति हो रहीं हैं और इसका खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ रहा हैं। राज्य सरकार ने 16 दिसंबर 2020 को अधिसूचना जारी करते हुए यह आदेश जारी किया था जिसके आलोक में 14 चक्का से 22 चक्का तक के ट्रकों एवं ट्रेलरों […]

मदन कुमार

मोतिहारी। सरकार की गलत नीतियों के कारण राजस्व की भारी क्षति हो रहीं हैं और इसका खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ रहा हैं। राज्य सरकार ने 16 दिसंबर 2020 को अधिसूचना जारी करते हुए यह आदेश जारी किया था जिसके आलोक में 14 चक्का से 22 चक्का तक के ट्रकों एवं ट्रेलरों कि गाड़ियों को बालू एवं गिट्टी लादने से प्रतिबंधित कर दिया गया हैं। इसके अलावे 6 से 10 चक्का के ट्रकों पर डाला काटकर अधिकतम 36 इंच, 12 चक्का पर अधिकतम डाला काटकर 42 इंच तक हीं गिट्टी और बालू लादा जा सकता हैं।

बावजूद इसके बिहार के प्रत्येक जिले में बालू और गिट्टी की ओवरलोड गाड़ियां धरल्ले से चल रहीं हैं। बिहार ट्रक ऑनर एसोशियेशन के प्रेसिडेंट भानू शेखर प्रसाद सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दर्जनों बार मुख्यमंत्री के जनता दरबार में ओवरलोड गाड़ियों पर रोक लगाने के लिए गए लेकिन नतीजा वहीं ढाक के तीन पात। ओवरलोड के कारण सड़के समय से पूर्व ही टूट जाती हैं और दुर्घटना की भी आशंका बढ़ जाती हैं। मोतिहारी में बरियारपुर के पास ओवरलोड गाड़ियों को कभी भी देखा जा सकता हैं लेकिन खनन पदाधिकारी संजीव रंजन का कहना है कि खड़ी गाड़ियों को विभाग के द्वारा पकड़ने पर रोक हैं। जनता से एकमुश्त प्राइवेट गाड़ियों से रोड टैक्स तो ले लिया जाता हैं और बदले में उन्हें टूटी सड़को के साथ टॉल टैक्स भी देना पड़ता हैं। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा हीं नहीं कि ओवरलोड गाड़ियों पर रोक लगें, नहीं तो आखिर क्या कारण हैं कि परिवहन विभाग के द्वारा करीब 10 करोड़ की लागत से निर्मित धर्मकांटा जो पुल निर्माण निगम के द्वारा बिहटा,ट्रांसपोर्ट नगर पटना जीरो माइल के पास एवं फतुहा रोड में लगाया गया और उद्घाटन के पहले हीं उसका अधिकांश सामान चोरी कैसे हो गया? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 25 सौ करोड़ से अधिक का राजस्व परिवहन विभाग को सालाना मिलता हैं, इसके अलावे 3 हजार करोड़ से अधिक की राशि अधिकारियों समेत ऊपर तक बांटी जाती हैं। उन्होंने सरकार पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि आखिर सभी बालू और गिट्टी खाद्दानों पर सरकार क्यों नहीं वे ब्रिज लगाने का काम कर रहीं हैं ताकि सरकारी राजस्व की क्षति को रोका जा सकें और राज्य की सड़कें भी सहीं रहें। सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ट्रांसपोर्टरों पर जुल्म व अत्याचार कर रहीं हैं। 14 से 22 चक्का ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाने के बाद 15 जनवरी से ट्रक वालें हड़ताल पर हैं। सरकार के द्वारा हड़ताल को खत्म करवाने के लिए बर्बरतापूर्ण तरीके से सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों के चालक,खलासी एवं मालिकों पर लाठियां बरसायीं गयीं। भानू शेखर प्रसाद सिंह ने इसे आपातकाल से भी बदतर स्थिति बताया।

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