अहमदाबाद। कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठन अभी भी अड़े हैं। सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है। किसान संगठनाें के आह्वान पर 08 दिसम्बर को भारत बंद का गुजरात कांग्रेस ने भी समर्थन करने का फैसला किया है। रविवार को कांग्रेस नेताओं ने पूरे गुजरात के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बंद को […]
अहमदाबाद। कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठन अभी भी अड़े हैं। सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है। किसान संगठनाें के आह्वान पर 08 दिसम्बर को भारत बंद का गुजरात कांग्रेस ने भी समर्थन करने का फैसला किया है। रविवार को कांग्रेस नेताओं ने पूरे गुजरात के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बंद को सफल बनाने की अपील की।
गुजरात कांग्रेस ने आज गांधीनगर के सेक्टर -6 में सत्याग्रह पर बैठी। इस मौके पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि आंदोलन नाम का नहीं होना चाहिए। आंदोलन तभी कहलाता है, जब तक पुलिस ने पकड़े तब तक हम संघर्ष करते रहें। मोढवाडिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जेल जाने के लिए तैयार रहें। इस मौके पर दसाडा के कांग्रेस विधायक नौशाद सोलंकी ने कहा कि सरकार के इन तीन काले कानूनों से किसानों को नुकसान होगा। विधायक सोलंकी ने कहा कि गुजरात कांग्रेस लंबे समय से आंदोलन करना भूल गया है। किसान आज आहें भर रहे हैं। पिछले 25 वर्षों से, राज्य सरकार किसानों से जमीन छीन रही है और उद्योगपतियों को जमीन दे रही है।
कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि सरकार कहती है, ‘अगर कोई एमएसपी है, तो कृषि बिल में इसका उल्लेख क्यों नहीं है। मैं किसानों से बस इतना ही कह सकता हूं कि आप 08 दिसम्बर के भारत बंद के ऐलान का समर्थन करें।
बैठक में नए कृषि कानून के विरोध में गुजरात कांग्रेस ने भी इस किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। इस मौके पर गुजरात कांग्रेस प्रभारी राजीव सातव, अमित चावड़ा, और विपक्ष के नेता परेश धनानी भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि किसान और कांग्रेस के बीच गतिरोध अभी बना हुआ। कई दौर की वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला। सरकार ने किसानों से और समय मांगा था। बताया गया है कि अब 09 दिसम्बर को सरकार और किसान नेता फिर से चर्चा करेंगे।
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