नई दिल्ली। केरल सोना तस्करी मामले में कोच्चि की विशेष अदालत ने इस मामले के प्रमुख आरोपित रबीस हमीद को आज 5 दिन की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। एनआईए ने इस फरार आरोपित को यूएई सरकार द्वारा इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस के बाद 26 अक्टूबर को कोच्चि हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था।
सोमवार को एनआईए ने बताया कि केरल के एर्नाकुलम जिले के मुवाट्टुपुझा निवासी रबीस हमीद (42) केरल सोना तस्करी मामले का एक प्रमुख आरोपित है। यह मामला डिप्लोमैटिक सामान से कस्टम (प्रिवेंटिव) आयुक्तालय, कोचीन द्वारा त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के एयर कार्गो में इसी साल 5 जुलाई को 14.82 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की जब्ती से संबंधित है। मुख्य आरोपित रबीस लगातार फरार चल रहा था। यूएई सरकार ने इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था। 26 अक्टूबर को दुबई से रबीस कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे आया था, जहां उसे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया।
एनआईए के अनुसार रबीस हमीद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहते हुए अन्य आरोपितों के साथ मिलकर धन की व्यवस्था करने और कूटनीतिक सामान के जरिए दुबई से भारत तस्करी के लिए सोना खरीदने की साजिश रची थी। इसी के माध्यम से यूएई में इलेक्ट्रॉनिक्स या बिजली के उपकरणों और घरेलू सामानों में सोने को छिपाने के लिए कूटनीतिक सामान के माध्यम से तिरुवनंतपुरम में कॉन्ट्रिबंड की तस्करी के लिए व्यवस्था की गई।
केरल सोना तस्करी का मामला पहली बार तब सामने आया, जब पी.एस. यूएई वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी सरिथ को सीमा शुल्क विभाग ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया। इसके बाद इस मामले में यूएई कांसुलेट की एक पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश का नाम आया। स्वप्ना केरल आईटी विभाग से जुड़ी थी और उसके संबंध कथित रूप से मुख्यमंत्री तक फैले हुए थे। केरल के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम. शिवशंकर ने भी उसकी मदद की है। बाद में एनआईए की पूछताछ में स्वप्ना ने बताया कि शिवशंकर उसके गुरु थे।
उल्लेखनीय है कि एनआईए अब तक इस मामले में रबीस हमीद, स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर के साथ कुल 30 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एनआईए के अलावा इस मामले की ईडी, डीआरआई, सीमा शुल्क और आयकर भी जांच कर रही हैं। ताजा गिरफ्तारी इस मामले में रबीस हमीद की हुई है। विशेष अदालत ने उसे सोमवार को पांच दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है।
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