नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च में पिछले साल दो मस्जिदों में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आरोपित को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही अब उसे पैरोल भी नहीं दी जाएगी। हाई कोर्ट ने गुरुवार को सजा का ऐलान किया है। इस मामले में तीन बार सुनवाई के बाद आज अंतिम फैसला […]
नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च में पिछले साल दो मस्जिदों में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आरोपित को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही अब उसे पैरोल भी नहीं दी जाएगी। हाई कोर्ट ने गुरुवार को सजा का ऐलान किया है। इस मामले में तीन बार सुनवाई के बाद आज अंतिम फैसला देते हुए सजा का ऐलान किया गया।
दरअसल, 15 मार्च, 2019 को 29 साल के ब्रेंटेन टेरेंट नाम के आरोपित ने दो मस्जिदों में आतंकवादी हमला किया था। इस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 40 अन्य घायल हो गए थे। इस पर 51 हत्या के आरोप, 40 हत्या के प्रयास करने और एक आतंकवाद का मामला दर्ज है। प्रोसीक्यूटर मार्क जारिफेह के अनुसार ब्रेंटेन ने भीड़ में शामिल आम लोगों पर अपनी एआर-15 राइफल से 32 शॉट ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी। टेरेंट ने अल नूर मस्जिद में 44 लोगों की हत्या की जबकि लिनवुड मस्जिद में 7 अन्य लोगों की हत्या की थी।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिका आर्डन ने फैसले के बारे में कहा कि 15 मार्च, 2019 का वह दिन भयावह था और आज भी उसे याद कर बहुत दुख होता है। इस फैसले से पीड़ितों के परिवारों को राहत मिली होगी। उन्होंने उस दिन को न्यूजीलैंड के इतिहास का काला दिन बताया है।
उल्लेखनीय है कि हमला करने से पहले ब्रेंटेन ने जनवरी 2019 में अल नूर मस्जिद में ड्रोन से पूरी रिसर्च की थी। इसके बाद मार्च में हमला किया। हमले की साजिश के अनुसार हमला उस समय करना था, जब ज्यादा से ज्यादा लोग मस्जिद परिसर में मौजूद हों।
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