मुंबई। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि एकनाथ खडसे का फैसला भाजपा के लिए और खुद उनके (खडसे) लिए भी नुकसानदेह है। खडसे जहां जा रहे हैं, उन लोगों ने उनपर तरह-तरह के आरोप लगाए थे, यह खडसे को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि खडसे को भाजपा ने […]
मुंबई। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि एकनाथ खडसे का फैसला भाजपा के लिए और खुद उनके (खडसे) लिए भी नुकसानदेह है। खडसे जहां जा रहे हैं, उन लोगों ने उनपर तरह-तरह के आरोप लगाए थे, यह खडसे को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि खडसे को भाजपा ने क्या नहीं दिया, उनको यह भी नहीं भूलना चाहिए।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि खडसे को पार्टी ने क्या नहीं दिया। मंत्री पद, विधायक पद, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद सब कुछ उन्हें पार्टी ने दिया। इसके साथ ही उनकी बेटियों को भी भाजपा ने पद दिया है। खडसे को अब पार्टी में वरिष्ठ की भूमिका निभानी चाहिए थी। नए कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने भाजपा छोड़ने का ही निर्णय कर लिया। इसलिए अब उन्हें समझाने का समय निकल चुका है। अब सिर्फ हम उन्हें शुभकामना ही दे सकते हैं।
दानवे के इस बयान के बाद खडसे ने कहा कि भाजपा ने उन्हें जो कुछ भी दिया वह उनकी मेहनत की वजह से दिया। पार्टी में उनपर किसी ने कोई मेहरबानी नहीं की है। उन्होंने उस समय भाजपा को राज्य में बढ़ाने का काम किया, जब भाजपा का नाम लेने पर लोग पत्थर मारते थे। इसलिए कोई भी उनके बारे में इस तरह की गलत बयानबाजी न करे।
पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि खडसे ने पार्टी के लिए बहुत योगदान दिया है। उनके जाने से बहुत दुख हुआ है और पार्टी को भी नुकसान होगा। इस बारे में पार्टी में आत्मचिंतन किया जाएगा।
पूर्व मंत्री प्रकाश मेहता ने कहा कि वह लगातार सात बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे। दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। खडसे हमारे पुराने मित्र हैं। उनको भाजपा नहीं छोड़ना चाहिए था। मेहता ने कहा कि उन्हें भी पार्टी ने उपेक्षित किया है, लेकिन वह भाजपा नहीं छोड़ेंगे।
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