चीनियों ने मानी हार -कहा हम बिहारियों से हारे, गलवान घाटी(Galwan Ghati) में 63 से ज्यादा चीनी सैनिक हुये थे हलाक
सागर सूरज@बीएनएम
मोतिहारी: कहते है बिहारियों की तासीर ही अलग होती है।अपने कमांडर के धोखे से हत्या की खबर मिलते ही गलवान घाटी (Galwan Indo-china face off))में तैनात बिहार बटालियन के जवानों ने चीनी सेनाओं पर ऐसा कहर ढला की चीन की आने वाली पीढियां उसे याद रखेगी। खुद चीनियों की माने तो 63 चीनी (63 Chinese soldier died) इस घटना में मौत के शिकार हुये है हालांकि चीनियों के ट्विटर पर हो रहे घमासान पर अगर नजर डालें तो हताहतों की संख्या 150 से भी ऊपर है जो भारतियों के लिए ना केवल सकून देने वाली खबर है बल्कि बिहारियों के लिए गर्व की भी बात है।
घटना के बाद गुस्साये भारतीय जवानों ने तो 18 चीनियों की गर्दन मरोड़ दी वही कईयों को उठा कर पत्थरों पर ऐसा बिहारी धोबिया पाठ दिया की उनके कमर टूट गए। एजेंसी की माने तो कम-सेम कम 40 से ऊपर स्ट्रेचरों की गिनती की गयी जिसमे रख कर लाशों को या घायलों को चीनी हेलीकॉप्टरों तक पहुचाया गया। चीनी सैनिकों में हताहतों की संख्या 150 से ऊपर इसलिए भी कही जा रही है कि एक बेहद संकीर्ण पहाड़ के किनारें पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिक एक जेसीवी लगा कर खड़े थे तभी लैंडस्लाइड हो गया और सभी सैनिक या तो नदी में गिर कर मर गए या पहाड़ों में दफ़न हो गए। भारतीय कुछ सिपाही तो चीनियों को खदेड़ते हुये चीनी क्षेत्र तक पहुँच गए जिनकों चीनियों ने पकड़ कर सिर्फ इसलिय नहीं मारा क्योकि भारतीय के कब्जे में कई चीनी सैनिकों के साथ उसका एक कॉर्नेल भी था, जो बाद में स्थानीय स्तर एक दुसरे को रिहा कर दिया गया।
40 से अधिक चीनियों के हताहत होने की खबरें भी सबसे पहले विदेशी मीडिया एवं विदेशी ख़ुफ़िया सूत्रों से मीडिया में जारी की गयी। उसी आधार पर भारतीय मीडिया में भी 43 चीनियों के मारे जाने की खबर चलायी गयी।
गोरखा रेजिमेंट्स से भी बेहतर बिहार रेजिमेंट, चीन के लिए खौफ का दूसरा नाम
सामाजिक एवं आर्थिक मामलों के जानकार हैरी चेन ने अपने हैरी चेन पीएचडी नामक ट्विटर एकाउंट पर लिखा है कि सरकार में उनके सूत्रों ने 63 चीनी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है, जबकि एक फ़ोलोवर ने कहा है कि यह संख्या 150 से ज्यादा है।
चीन सरकार सिर्फ ये कह रहा है कि उनके भी सैनिक हताहत है, लेकिन भारत से ज्यादा डेथ बताने में उसे शर्म आ रही है। उसे अपनी किरकिरी का भय है। चीनियों ने कहा कि चीन की थल सेना भारतीय सेना के सामने बहुत की कमजोर है।
घटना के तुरंत बाद से चीन के विदेश मंत्री मामले को बैठ कर सुलझाने के लगातार बयान देने लगे क्योकि बॉर्डर पर भारतीय तैयारियों से चीन दहशत में है। एजेंसी की खबरों को अगर माने तो चीनियों ने एक ऑफिसर सहित निहत्ते तीन भारतीय जवानों को शहीद कर दिया जबकि बाकि 17 जवान पहाड़ों से नदी में गिर कर ठण्ड से शहीद हुये थे ।
https://twitter.com/PhdParody/status/1273091980617269256?s=20
चीन सरकार का मुख्य पत्र ग्लोबल टाइम्स तो अपने हताहत लोगों पर बात ही नहीं कर रहा, जबकि चीनी मीडिया धीरे-धीरे चीनी सैनिकों के मारे जाने के मामले में सामने आ रही है। उनमे से वे कुछ चीन के 5 सैनिकों के मरने और 11 के घायल होने का भी आकड़ा पेश कर रहे है।
चीन के समाचार पत्रों ने लिखा हम भारत से यूद्ध हार गये। एक चीनी नागरिक वांग चुंग अपने फेस बुक पोस्ट पर लिखा है, हमें मालूम नहीं इंडिया में बिहार कहा है परन्तु बिहारी आर्मी ने हमारे 30 से अधिक सेना को मार दिया है। पूछा, “भारत की सेना इतनी बहादुर क्यों है’। चीनियों ने कहा हम अब युद्ध नहीं चाहते।
जबकि हैरी चेन ने कहा, कि चीन के 2 कर्नल रैंक के अफसर भी उसमे मारे गए है, और ये भी बात सामने आई है, कि उनमे से एक तो ब्रिगेडियर था। लेकिन अभी तक इन बातों की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है, पर 63 का जो आकड़ा है वो चीन के अंदर से ही सामने आया हैं।
उनमे से काफ़ी सारे चीनी सैनिक तो लापता भी है, और काफी सारे घायल भी है, और अब चीन के अंदर से ही काफी लोग 112 का भी आंकड़ा दे रहे है।
भले भी इसकी पुष्टि होना अभी बाकि है, 63 की पुष्टि तो खुद चीन के लोग ही कर रहे है और काफी चीनी लापता भी है लेकिन मरने वाले चीनियों का आंकड़ा 150 को भी पार कर सकती है।
इधर बिहार बटालियन का शौर्य गोरखा योधाओं के शौर्य को याद दिलाता है। 1967 में सिक्किम के नाथुला के पास 400 चीनी सैनिकों को मार गिराया था जबकि भारतीय सैनिक सिर्फ 75 शहीद हुए थे। चीन 1967 में भारत के हांथों मारे गये चीनी सैनिकों का डाटा भी काफी देर से प्रस्तुत किया लेकिन उसके बाद फिर 2020 तक भारत से उलझने की भी हिम्मत नहीं जुटाई।
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