जिले में राजमार्ग पर अतिक्रमण कर सुखाया जा रहा है मकई

जिले में राजमार्ग पर अतिक्रमण कर सुखाया जा रहा है मकई

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कटिहार। जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) एवं राज्य राजमार्ग (एसएच) पर इन दिनों दुर्घटना होने संभावना बढ़ गई है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा राजमार्ग के आधे भाग को अतिक्रमण कर मकई सुखाया जा रहा है। गेड़ाबाड़ी से कुर्सेला तक कि एनएच-31 हो या फलका प्रखंड होकर गुजरने वाली एसएच-77, जगह-जगह आधे सड़क पर […]

कटिहार। जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) एवं राज्य राजमार्ग (एसएच) पर इन दिनों दुर्घटना होने संभावना बढ़ गई है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा राजमार्ग के आधे भाग को अतिक्रमण कर मकई सुखाया जा रहा है। गेड़ाबाड़ी से कुर्सेला तक कि एनएच-31 हो या फलका प्रखंड होकर गुजरने वाली एसएच-77, जगह-जगह आधे सड़क पर बिछा हुआ मकई ही मकई दिखाई देती है। इतना ही नहीं लोग सड़क पर मकई सुखाने वाली जगह को ईट-पत्थर से घेर रखा है। जिसके कारण आधी बची सड़क पर ही वाहनों का आवागमन हो पाता है। जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। वाहन चालकों का मानना है कि सड़क पर मकई सुखाने के कारण जब सामने से कोई वाहन आ रहा होता है तो साइड लेते समय वाहन का पहिया मकई के दानों पर चढ़कर फिसलने लगता है। जिससे हादसा होने की संभावना रहती है। इन सब बातों से दूर लोग धड़ल्ले से सड़क का अतिक्रमण कर मकई सुखाने में लगे है। सड़क हादसों के आकड़ो पर गौर करें तो हर साल सड़क पर मकई सुखाने की वजह से दर्जन लोग सड़क दुर्घटना की वजह से काल के गाल में समा जाते हैं। दुर्घटनाएं होने के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन सड़कों पर मक्का सुखाने वाले लोगों पर सख्ती करती है। दो-चार दिनों के बाद स्थानीय लोगों द्वारा दुबारा राजमार्ग को अतिक्रमण कर मकई सूखने का सिलसिला शुरू हो जाता है। 

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