डूब गई 25 हजार एकड़ से अधिक में लगी फसल, करोड़ों की क्षति
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बेगूसराय। रुक-रुक कर शनिवार की रात से हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। नगर निगम से लेकर गांव तक सड़कों की बदहाली के कारण वाहन से भी लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं, नदियों के जलस्तर ने दियारा क्षेत्र […]
बेगूसराय। रुक-रुक कर शनिवार की रात से हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। नगर निगम से लेकर गांव तक सड़कों की बदहाली के कारण वाहन से भी लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं, नदियों के जलस्तर ने दियारा क्षेत्र की हालत बदतर कर दी है। गंगा नदी के लगातार बढ़ रहे जल स्तर के कारण दियारा क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी फसल पानी की चपेट में आ गया है।जिसके कारण किसानों के हौसले पस्त हो गए हैं। दियारा में लगी परवल समेत अन्य सब्जी भी पानी में डूब गई है।
वहीं, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसके कारण बूढ़ी गंडक के दियारा में भी हजारों एकड़ फसल डूब गई है। हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जानमाल की क्षति रोकने के लिए प्रशासन अलर्ट मोड में है तथा तमाम उपाय कर लिए गए हैं। तटबंधों पर होमगार्ड को तैनात किया गया है। जल संसाधन विभाग के साथ-साथ पूरा जिला प्रशासन हर गतिविधि पर नजर रख रही है।
गंगा एवं बूढ़ी गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बेगूसराय जिला के 13 प्रखंडों का इलाका प्रभावित हो गया है। गंगा के बाढ़ से शाम्हो, बछवाड़ा, तेघड़ा, बरौनी, मटिहानी, बलिया और साहेबपुर कमाल प्रखंड का दियारा इलाका प्रभावित हुआ है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरा के निशान को पार कर गया है। जिसके कारण खोदावंदपुर, चेरिया बरियारपुर, बेगूसराय सदर, नावकोठी, बखरी, डंडारी एवं साहेबपुर कमाल प्रखंड का गंडक दियारा प्रभावित हो गया है।
डूब गई 25 हजार एकड़ से अधिक में लगी फसल
नदियों के बढ़ते जलस्तर ने विकराल रूप ले लिया है। जिसके कारण गंगा एवं बूढ़ी गंडक के दियारा क्षेत्र की 25 हजार एकड़ से अधिक में लगी फसल बर्बाद हो गई है। दियारा क्षेत्र में लगे मक्का एवं घास के साथ-साथ परवल समेत अन्य सब्जी भी बर्बाद हो गया।
लगातार हो रही बारिश के कारण बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज योजना के लिए तमाम मोहल्लों में नई बनी सड़कों को तोड़कर पाइप बिछाने के बाद उसी तरह छोड़ दिया गया है। जिसके कारण तमाम मोहल्लों से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है।
डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर 30 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है। 205 खोज एवं बचाव दल तथा 154 प्रशिक्षित गोताखोर तैयार हैं। 110 लाइफ जैकेट, तीन महाजाल, दो इनफ्लैटेबल नाव, 233 बाढ़ राहत शिविर, 39 आइसोलेशन केंद्र तैयार कर लिए गए हैं। सभी सरकारी नौकरी मरम्मत कर ली गई है, 230 निजी नाव चिन्हित कर लिए गए हैं। जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। प्रभावित पंचायत के वृद्ध और गर्भवती की सूची तैयार की जा रही है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी भी लगातार निगरानी कर रहे हैं तथा पल-पल का अपडेट लिया जा रहा है।
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