नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए वर्तमान में रूस की राजधानी मॉस्को में है। वह शाम को रूस के विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे और कल उनका चीन के विदेश मंत्री से मिलने का कार्यक्रम है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज ताजिकिस्तान और किर्गिज़स्तान के अपने समकक्ष सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन और चिंगिज़ एदारबेकोव से मुलाकात की। विदेशमंत्री एस जयशंकर का गुरुवार शाम को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात का कार्यक्रम तय है। भारत और चीन में सैन्य गतिरोध के बीच इस मुलाकात पर सभी की निगाहें टीकी हुई हैं। वहीं विदेशमंत्री का आज शाम रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।
विदेशमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि ताजिकिस्तान के विदेशमंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन के साथ गर्मजोशी भरी बैठक रही। वह दोनों देशों के बढ़ते द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग से काफी खुश है। इस रणनीतिक साझेदारी को भारत अत्याधिक महत्व देता है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि एससीओ की बैठक के इतर किर्गिज़स्तान के विदेश मंत्री चिंगिज़ एदारबेकोव के साथ काफी उपयोगी बैठक रही। भारतीय नागरिकों की वापसी में उनके सहयोग के लिए उनका धन्यवाद। बैठक के दौरान दोनों विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा की। दोनों सभी क्षेत्रों में सामरिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए सहमत हुए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को रूस में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने मास्को पहुंचे थे। जहां भारतीय राजदूत एवं रूस के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया था। रास्ते में वह तेहरान भी रूके और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ से मुलाकात की। यह एससीओ के विदेश मंत्रियों की तीसरी बैठक होगी जिसमें भारत पूर्ण सदस्य के रूप में भाग लेगा। इससे पहले 23-24 अप्रैल, 2018 को बीजिंग (चीन) और 21-22 मई, 2019 को बिश्केक (किर्गिज़ गणराज्य) में दो बैठकें हुईं ।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत रूस की अध्यक्षता में विभिन्न शंघाई सहयोग संगठन के संवाद तंत्र में सक्रिय भाग ले रहा है। एससीओ शिखर सम्मेलन जल्द ही निकट भविष्य में आयोजित किया जाएगा। मॉस्को में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा करेगी और अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेगी। विदेश मंत्री मॉस्को यात्रा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद और अन्य द्विपक्षीय बैठकों में भागीदारी करेंगे।
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