नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने के दौरान इसी वर्ष फरवरी में हुए दंगे को लेकर दिल्ली पुलिस के दायर आरोप पत्र पर लगातार प्रश्न खड़े हो रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दायर अपनी नवीनतम चार्जशीट में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी नामित किया है। पुलिस का कहना है कि खुर्शीद का नाम ‘भड़काऊ भाषण’ देने की वजह से चार्जशीट में दर्ज है। इसके बाद कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस की भूमिका और जांच पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कैसी जांच है जहां एक आरोपित के कह देने भर से किसी को भी आरोपित बना दिया जाता है।
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने पुलिस चार्जशीट में सलमान खुर्शीद का नाम शामिल होने पर इसे भद्दा मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों में पुलिस द्वारा दाखिल नवीन चार्जशीट में सलमान खुर्शीद का नाम चकित करने वाला है। उत्तेजक भाषणों के साथ “राष्ट्रवादी” लोगों को पूरे देश ने “गोली मारो सालों को” जैसे नारे लगाते देखा था, उनका कहीं नाम नहीं है। उन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को याद रखना चाहिए कि अंततः ‘सत्य की जीत होगी’।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व में विदेश मंत्री और कानून मंत्री का पद संभाल चुके सलमान खुर्शीद सबसे अच्छे, सज्जन, विद्वान, राष्ट्रवादी, धर्मनिरपेक्ष भारतीयों में से एक हैं, जिन्हें मैंने अब तक जाना है। ऐसे में दिल्ली पुलिस द्वारा अपने आरोप पत्र में उनका नाम लिखना चौकाना वाला है। उन्होंनें आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब अपने आकाओं को खुश करने के लिए किया जा रहा है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने दंगों के मामले में ‘भड़काऊ भाषण’ देने के लिए 17 सितम्बर को दायर 17,000 पन्नों की नवीनतम चार्जशीट में सलमान खुर्शीद का नाम दर्ज किया है। पुलिस की चार्जशीट में एक गवाह के बयान है, जिसमें कहा गया है कि उमर खालिद, सलमान खुर्शीद, नदीम खान ने सीएए-एनआरसी का विरोध कर रहे लोगों उद्वेलित करने के लिए भड़काऊ भाषण दिए थे। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अपनी शुरुआती चार्जशीट में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, प्रख्यात शिक्षाविद जयती घोष, अपूर्वानंद और योगेंद्र यादव का नाम डाला था, तब भी विपक्ष ने प्रश्न उठाए थे। इसी मुद्दे पर विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी और उनसे मामले में हस्तक्षेप कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी।
Comments