दिल्ली बॉर्डर पर रोके जाने के कारण इकलौते पुत्र का दर्शन भी न कर सका रामपुकार
बेगूसराय। कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में मानवता को झकझोरने वाले भी कई मामले सामने आ रहे हैं। इसी तरह का एक मामला बेगूसराय के खोदाबंदपुर प्रखंड स्थित बरियारपुर पूर्वी निवासी रामपुकार पंडित का है। रामपुकार वह बदनसीब बाप है जो अपने एकलौते बेटा का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सका। बेटा के बीमार रहने की सूचना मिलते ही पिछले रविवार को वह दिल्ली से पैदल गांव के लिए चल पड़ा। लेकिन यूपी बार्डर पर रोक दिए जाने के कारण लाख गुहार लगाने पर भी तीन दिन तक उसे आने नहीं दिया गया। इधर गांव में उसके बीमार बेटा की मौत हो गई तो यह सूचना मिलते ही परेशान हो गया। इसी दौरान सोशल मीडिया में फोटो और दर्द वायरल होने के बाद जब इसकी जानकारी स्थानीय डीएम को मिली तो स्पेशल ट्रेन से उसे घर भेज दिया गया। लेकिन यहां भी मानवता पर सरकारी निर्देश भारी पड़ा और बेचारा रामपुकार दिन-रात रोते हुए मध्य विद्यालय चकयदुमालपुर एकांतवास (क्वारेन्टाइन) केन्द्र पर रह रहा है।
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