नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज विश्व खाद्य दिवस समारोह की अध्यक्षता की। इसका आयोजन भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने किया। इस वर्ष के समारोह का विषय है- ग्रो, नॉरिश एंड सस्टेन टूगेदर। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि विश्व में कोविड महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौती के कारण अब खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, प्रतिरोधक क्षमता और निरंतरता पर फोकस किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एफएसएसएआई का ईट राइट इंडिया मूवमेंट का लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति के लिए पर्यावरणीय सतत् तरीके से सुरक्षित और स्वस्थ भोजन है। यह सभी नागरिकों को सुरक्षित पूर्ण भोजन प्रदान करने के संकल्प का एक अंग है। इससे खाद्य संरक्षा पारिस्थितिक तंत्र में सुधार होगा और नागरिकों की स्वच्छता और स्वास्थ्य का स्तर सुधरेगा।
इस वर्ष खाद्य आपूर्ति चेन में ट्रांस-फैट उन्मूलन पर प्रमुख रूप से फोकस किया जा रहा है। आंशिक रूप से हाइड्रोजेनेटिड वनस्पति तेल, सिके (बेकड) और तले हुए खाद्य पदार्थ में मौजूद खाद्य से जुड़े विष में ट्रांस-फैट भारत में गैर-संचारी रोगों की वृद्धि में प्रमुख योगदान करता है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि ट्रांस-फैट हृदय रोगों के लिए परिवर्तनीय जोखिम का कारक भी है। कार्डियोवसकुलर रोग के जोखिम को दूर करना विशेष रूप से कोविड-19 के काल में प्रासंगिक है, क्योंकि इस रोग से प्रभावित लोगों में पहले से ही ऐसी गंभीर स्थिति होती है, जिससे मृत्यु की आशंका बनती है। उन्होंने स्मरण कराया कि सरकार का प्रयास 2022 तक भारत को ट्रांस-फैट से मुक्त बनाना है। इस मौके पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कई दिशा-निर्देश भी जारी किए।
इनमें निजी और पर्यावरणीय स्वच्छता, पुस्तक-डू यू ईट राइट से साधारण तरीके से सामान्यजन को खाद्य और पोषण तथा ईट राइट पहल की तकनीकी अवधारणा से अवगत कराना शामिल है। इसके साथ द ओरेंज बुक फॉर ईट राइट कैम्पस के कैंटीन में अनिवार्य खाद्य संरक्षा के कार्यान्वयन की गाइड के रूप में काम करेगी।दैनिक सिफारिशें और फूड फोर्टिफिकेशन – यह राज्यों के लिए एक पुस्तिका है, जिसे एफएसएसएआई ने जारी किया है। इसमें राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए खाद्य पदार्थों को और स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए प्रश्नों के उत्तर होंगे। यह विटामिन-ए, विटामिन-डी, आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन-बी12 के नियमित भोजन में औसत खपत के अंतर को फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के मुकाबले और स्पष्ट करेगा।
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