भारत के आगे झुका ड्रैगन, एलएसी से सैनिक हटाने को ​राजी ​

भारत के आगे झुका ड्रैगन, एलएसी से सैनिक हटाने को ​राजी ​

Reported By BORDER NEWS MIRROR
Updated By BORDER NEWS MIRROR
On
​नई दिल्ली​​​​।​ भारत और चीन ​के बीच पूर्वी लद्दाख ​में ​वास्तविक नियंत्रण रेखा (​​​​एलएसी) से​ पीछे हटने पर ​सहमति बन गई है। सोमवार को 11 घंटे चली सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता की शुरुआत में ​चीन भारतीय क्षेत्र से निर्माण न हटाने की जिद पर ​अड़ा रहा, इसीलिए सुबह शुरू हुई वार्ता देर रात तक चली​​।लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की ​मैराथन बैठक ​​के दौरान ​रात को […]
नई दिल्ली​​​​ भारत और चीन ​के बीच पूर्वी लद्दाख ​में ​वास्तविक नियंत्रण रेखा (​​​​एलएसी) से​ पीछे हटने पर ​सहमति बन गई है। सोमवार को 11 घंटे चली सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता की शुरुआत में ​चीन भारतीय क्षेत्र से निर्माण न हटाने की जिद पर ​अड़ा रहा, इसीलिए सुबह शुरू हुई वार्ता देर रात तक चली​।लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की मैराथन बैठक ​​के दौरान ​रात को ​भारतीय और चीनी सेना ​के कमांडरों में इस बात पर ​आपसी सहमति ​बनी कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में एलएसी​ से पीछे हटेंगे। 
 
चीन के आग्रह पर बुलाई गई कमांडर स्तर की यह बैठक पूर्वाह्न 11.30 बजे शुरू होकर देर रात तक चली। वार्ता में भारत ने चीन से दो टूक कहा कि पहले​ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपनी सेना हटाकर 2 मई से पहले की स्थिति बहाल करें, तभी आगे की बातचीत संभव है। यानी कि भारत की ओर से साफ-साफ शब्दों में ​कहा गया कि चीन अपने क्षेत्र में वापस जाए​​। ​भारतीय सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिन लियू के बीच एलएसी से 11 किमी. अंदर चीन के क्षेत्र चुशुल-मोल्दो में यह ​बैठक हुई​​​​। पहले दौर की​ 6 जून को इन्हीं दोनों अधिकारियों के बीच बातचीत​ हुई थी, जिसमें बनी सहमति​यों को बाद में चीन ​ने मानने से इनकार कर दिया था​ 
 
दूसरे दौर की सोमवार को हुई बैठक में पूर्वी लद्दाख में सभी ​विवादित क्षेत्रों से विस्थापन के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और ​तय किया गया कि ​दोनों पक्ष इस​ तरह की वार्ताओं को आगे ​भी जारी रखेंगे​। ​बैठक में भारत​ और ​चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में सभी क्षेत्रों से अलग होने के लिए सहमति व्यक्त की है। आगे बढ़ने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। हालांकि एलएसी से पीछे हटने की प्रक्रिया में कुछ दिन लगेंगे। कमांडरों ने यह भी तय किया कि ​​एलएसी से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए स्थानों, तिथियों और घटनाओं का एक कैलेंडर तैयार किया जायेगा।​​  
 
भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों ​की 15 जून को भी​ दिन में वार्ता ​हुई थी। ब्रिगेडियर और कर्नल स्तर की हुई ​इस ​वार्ता में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी क्षेत्र और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र पेट्रोलिंग पॉइंट्स 14 और 17 के दो फेस-ऑफ स्थलों पर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद सौर्हाद्रपूर्ण माहौल में दोनों देशों की फ़ौजों के 5-5 किलोमीटर पीछे हटने पर सहमति बन गई थी​ लेकिन इसी दिन देर शाम चीनी सैनिक फिर वादे से मुकर गए और टेंट लगा दिए। इसी मुद्दे पर भारतीय सैनि​कों के विरोध ​करने पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। ​इस घटना में भारत के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। ​इसी बैठक में चीन ने पहली बार गलवान घाटी में 15/16 जून की रात हुई हिंसक झड़प में अपने कमांडिंग ऑफिसर के मारे जाने की बात कबूली​ है​ 
  
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे जमीनी हालात देखने और अब तक चीनी सेना के साथ हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करने ​के लिए ​आज ​दोपहर पालम ​हवाई अड्डे से भारतीय वायु सेना ​के विमान ​ईजे-135 ​से लेह, लद्दाख के लिए ​रवाना हुए हैं​​ ​सेना प्रमुख ​पहले ​लेह ​के सैन्य अस्पताल जाकर गलवान संघर्ष ​में घायल सैनिकों से ​मिलेंगे​ इसके बाद सेना प्रमुख लद्दाख ​जाएंगे, जहां वह ​सेना की ​​​14​वीं ​ कोर ​के ​अधिकारियों के साथ वहां की जमीनी स्थिति और चीनी सेना के साथ बातचीत में प्रगति की समीक्षा करेंगे।वह 14​वीं कोर ​के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से भी मिलेंगे। जनरल हरिंदर सिंह और उनके चीनी समकक्ष के बीच सोमवार को ​हुई ​1​1​ घंटे ​की ​बातचीत ​में ही इस बात पर ​आपसी सहमति ​बनी है कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में एलएसी​ से पीछे हटेंगे। वह सेना प्रमुख को इस बातचीत का पूरा ​ब्योरा देंगे।​​ 
Tags:

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

Epaper

मौसम

NEW DELHI WEATHER