भोजपुर में प्रवासी श्रमिको को मनरेगा के अंतर्गत मिल रहा रोजगार, एकान्तवास केंद्रों पर बनाये जा रहे हैं जॉब कार्ड
आरा। भोजपुर जिले में देश के विभिन्न औद्योगिक राज्यो से लौट कर आये प्रवासी मजदूरों के रोजगार को लेकर मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने के अवसर की तलाश शुरू कर दी गई है। बिहार के बाहर के राज्यो से जैसे तैसे लौटे मजदूरों की जीविका चलाने और उनकी दिनचर्या को पटरी पर लाने की कवायद जिले में तेज हो गई है। बाहर से लौटे मजदूरों के रोजगार सृजन की प्रक्रिया को लेकर युद्धस्तर पर काम चल रहे हैं। भोजपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 400076 मानव दिवस सृजित कर अकुशल मजदूरों को वित्तीय राहत दी जा रही है। अब तक जिले में 20772 परिवारों के 23755 मजदूरों को अकुशल रोजगार दिया जा चुका है। इसमें 57613 अनुसूचित जाति व जनजाति के और 338778 सामान्य श्रेणी के मजदूर शामिल हैं। राज्य के बाहर से भोजपुर में आये नए प्रवासी मजदूरों तक मनरेगा का दायरा बढ़ाने के लिए 11401 नए जॉब कार्ड बनाकर अकुशल श्रमिको को जिले के 228 ग्राम पंचायतों में 7209 योजनाओ पर रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। बाहर से आकर एकान्तवास केंद्रों पर आवासित किये गए प्रवासी मजदूरों को एकान्तवास स्थल पर ही शिविर लगाकर प्रवासी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाने के आदेश अधिकारियों द्वारा दिया गया है। एकान्तवास केंद्रों पर शिविर लगाकर अब तक 454 प्रवासी मजदूरों के नए जॉब कार्ड बनाये गए हैं। इस प्रक्रिया के तहत नए जॉब कार्ड बनाने का सिलसिला जारी है। जल संचयन सम्बन्धी संरचनाओं के जीर्णोद्धार को लेकर भी योजनाएं शुरू की गई है और भूजल स्तर बढाने व खेती के लिए वर्षा जल संचयन को बढ़ाने को लेकर जल जीवन हरियाली को भी मनरेगा से जोड़ा गया है। जल जीवन हरियाली राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है।
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