मोतीझील: अब हवेलियों की ओर चली बुलडोजर, लेकिन कटघरे में नप एवं अंचल प्रशासन

मोतीझील: अब हवेलियों की ओर चली बुलडोजर, लेकिन कटघरे में नप एवं अंचल प्रशासन

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प्रत्यक्षदर्शियों ने नगर परिषद एवं अंचल प्रशासन पर अतिक्रमण को लेकर कई सवाल खड़े किये। आरोप लगाया गया कि अतिक्रमण कराना एवं हटाना दोनों इनका ही काम  एक बार फिर से अन्य अतिक्रमणकारियों मे मचा हड़कंप सागर सूरज मोतिहारी: करीब महीने भर के विराम के बाद जिला प्रशासन का बुल्डोजर मोतीझील के अतिक्रमणकारियों के हवेलियों […]

प्रत्यक्षदर्शियों ने नगर परिषद एवं अंचल प्रशासन पर अतिक्रमण को लेकर कई सवाल खड़े किये। आरोप लगाया गया कि अतिक्रमण कराना एवं हटाना दोनों इनका ही काम 

एक बार फिर से अन्य अतिक्रमणकारियों मे मचा हड़कंप

सागर सूरज

मोतिहारी: करीब महीने भर के विराम के बाद जिला प्रशासन का बुल्डोजर मोतीझील के अतिक्रमणकारियों के हवेलियों की ओर चला तो कई रसुखदार अतिक्रमणकारी सकते मे आ गये। क्योंकि ये अतिक्रमणकारी मान बैठे थे कि हर बार की तरह इसबार भी अभियान को स्थगित कर दिया गया है और जिला प्रशासन दबाब से अपना हथियार अतिक्रमण करने वाले के सामने डाल दिया है।

फिर अचानक गुरुवार को सदर एस डी ओ प्रियरंजन राजू एवं एलआरडीसी अजीत कुमार के देखरेख मे जेसीबी सहित सैकड़ों पुलिस बल की एक टीम रहमनिया नर्सिंग होम के अहाते मे घुसी तो पुनः शहर मे सनसनी फैल गयी। जेसीबी ने देखते ही देखते नर्सिंग होम से सटे रहमान मॉडल अकेडमी के पार्क के पिलर तोड़ना शुरू कर दिया। तभी चिकित्सा से जुड़े लोग प्रशासन से 24 घंटे की मोहलत मांगी ताकि वे खुद मोतीझील के अतिक्रमित भू-भाग को अतिक्रमणमुक्त कर लेंगे।

अनुमंडल पदाधिकारी श्री राजू ने मोहलत देते हुये कहा कि एक माह पूर्व से संबन्धित चिकित्सक को अतिक्रमण को लेकर अवगत करवाया गया था। उसके बाद प्रशासन का जत्था रहमान अकादेमी के हॉस्टल की ओर रुख की तो अतिक्रमण स्थल पर लगे एक बोर्ड पर प्रशासन एवं पत्रकारों की नजर पड़ी तो सभी स्तब्ध हो गये। बोर्ड पर अंग्रेजी मे अंकित किया गया है। प्रतिबंधित क्षेत्र-अतिक्रमणकारी दंडित होंगे (प्रोहीबिटेड एरिया ट्रेसपासर्स विल बी पनिस्ड)। प्रशासन वहाँ भी अवैध कब्जा को हटाने का प्रयास किया। झील की जमीन पर स्कूल के हॉस्टल, मस्जिद का वजूखाना एवं शौचालय बनाए गये है।

डॉ खुर्शीद आलम ने कहा कि वे लोग खुद ही मोतीझील की भूमि पर बने अवैध निर्माण को तोड़ लेंगे साथ ही प्रशासन के मापी के तरीकों पर सवाल खड़ा करते हुये कहा की जितनी बार मापी हुई हर बार चिन्ह बदलता रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने तो नगर परिषद एवं अंचल प्रशासन पर अतिक्रमण को लेकर कई सवाल खड़े किये। आरोप लगाया गया कि अतिक्रमण कराना एवं हटाना दोनों इनका ही काम है। अतिक्रमण दुबारा न हो इसके लिए ज़िम्मेदारी निर्धारित करनी होगी। इधर अनुमंडल पदाधिकारी प्रियरंजन राजू ने कहा कि मोतीझील के अतिक्रमण को लेकर 158 लोगों को चिन्हित किया गया है। सभी अतिक्रमणकारियों पर बुल्डोजर चलाये जाएंगे।

जिलाधिकारी रमन कुमार ने कहा कि मानव शृंखला मे व्यस्थता के कारण अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान रोका गया था। पहले चरण मे झील को अतिक्रमण से मुक्त किया जाएगा। रमन ने माना कि झील की भूमि पर शहर के सम्मानित लोगों का भी भवन बना हुआ है। ऐसे लोग खुद ही अपना भवन तोड़ कर सम्मानित होने का प्रमाण दे।

बता दे कि कई दशकों से मोतीझील अतिक्रमण के कारण लगातार सिकुड़ता जा रहा है, जिसमे वैसे लोग भी अतिक्रमण किये हुये बताये जाते है जो मोतीझील को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर कई बार मशाल जुलूस मे भी शामिल होते रहे है।

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