योगी सरकार का ‘मिशन रोजगार’ 50 लाख युवाओं को बनाएगा आत्मनिर्भर

योगी सरकार का ‘मिशन रोजगार’ 50 लाख युवाओं को बनाएगा आत्मनिर्भर

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लखनऊ। कोरोना के कारण बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार प्रभावित होने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार इसकी भरपायी में जुट गई है। मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस वित्तीय वर्ष में 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए शनिवार से अभियान शुरू कर दिया गया है। ‘मिशन रोजगार’ के […]

लखनऊ। कोरोना के कारण बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार प्रभावित होने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार इसकी भरपायी में जुट गई है। मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस वित्तीय वर्ष में 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए शनिवार से अभियान शुरू कर दिया गया है। ‘मिशन रोजगार’ के तहत सरकार विभिन्न सेक्टर में चरणवार तरीके से लोगों को सेवायोजित करने का कार्य करेगी। यह प्रदेश में रोजगार के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान है।
मनरेगा के अतिरिक्त होगा मिशन रोजगार का कार्य, मुख्यमंत्री बोले कार्रवाई रखें जारी: 
प्रदेश सरकार के मुताबिक यह सेवायोजन, मनरेगा के अतिरिक्त किया जा रहा है। इसमें सरकारी विभागों, परिषद, निगमों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही सरकारी प्रयासों से निजी क्षेत्र में अथवा स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जाने की पहल की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये प्रभावी कार्रवाई निरन्तर जारी रखी जाए। जनपद स्तर पर जिला सेवायोजन अधिकारी को जिम्मेदारी देते हुए पोर्टल के माध्यम से रोजगार प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बिना भेदभाव और पक्षपात के दे रहे सरकारी नौकरी:

मिशन रोजगार की कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के 36,590 नवनियुक्त सहायक अध्यापकों को नियुक्ति-पत्र वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के 69,000 शिक्षकों की चयन प्रक्रिया इस नियुक्ति पत्र प्रदान करने के साथ आज सम्पन्न हो रही है, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में ईमानदारी पूर्वक कार्य करना अपने आप में एक चुनौती हो जाती है। पग-पग पर बाधाएं आती हैं। उन्होंने युवाओं को बेसिक शिक्षा विभाग में रोजगार को लेकर कहा कि यह प्रक्रिया जनवरी 2019 में ही पूरी हो जाती। लेकिन, लोगों के एक के बाद एक न्यायालय में चले जाने के कारण मामला लटकता गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक-एक करके हर क्षेत्र में व्यापक कार्य करने का प्रयास कर रही है। 
उन्होंने सरकारी विभागों में नौकरियों को लेकर कहा कि हम लोगों ने तय किया था कि जो उत्तर प्रदेश के ऊपर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होने, लेनदेन, भेदभाव का जो कलंक लगता था, उसे दूर किया जाए। अब सभी देख रहे हैं कि नियुक्ति के नाम पर कहीं किसी को सिफारिश कराने की आवश्यकता नहीं है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। 
तीन लाख से अधिक अभ्यर्थियों को दी गई सरकारी नौकरी:
प्रदेश सरकार के मुताबिक पारदर्शी एवं निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया को अपनाते हुए विभिन्न राजकीय सेवाओं में अब तक तीन लाख से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरियां दी जा चुकी हैं। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 50 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाने की कवायद शुरू की जा रही है। इतने बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार से जोड़ने की यह किसी सरकार की पहली पहल होगी।
एमएसएमई सेक्टर के जरिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने की कवायद:
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग डॉ. नवनीत सहगल के मुताबिक प्रदेश में सरकारी नौकरियां जल्द से जल्द युवाओं को उपलब्ध कराने का अभियान चल रहा है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए तथा आर्थिक गतिविधियां को और बढ़ाने के लिए पुरानी 4.37 लाख एमएसएमई इकाईयों को कार्यशील पूंजी की समस्या से निजात दिलाने के लिए 11,062 करोड़ के ऋण बैंकों से समन्वय स्थापित कर स्वीकृत कर वितरित किये जा रहे हैं। 
डॉ. सहगल ने बताया कि प्रदेश में रोजगार के और अवसर सृजित करने तथा अधिक से अधिक नौजवानों को रोजगारों में लगाने के लिए नई एमएसएमई इकाईयों के माध्यम से अभियान चलाया गया है। इस अभियान के अन्तर्गत 6.48 लाख नई इकाइयों को ऋण दिया गया है। उन्होंने बताया कि नई एमएसएमई इकाईयों से लगभग 25 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं, ये प्रक्रिया निरन्तर जारी रहेगी। इस वर्ष 20 लाख नई एमएसएमई की स्थापना का प्रदेश सरकार ने लक्ष्य रखा है।

औद्योगिक विकास आयुक्त करेंगे मिशन रोजगार का संचालन:
प्रदेश सरकार के मुताबिक ‘मिशन रोजगार’ के सम्पूर्ण कार्यक्रम अभियान के संचालन की जिम्मेदारी औद्योगिक विकास आयुक्त को दी गई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति हर महीने अभियान की मॉनिटरिंग करेगी। इसके साथ ही हर जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनायी जा रही है, जो रोजगार, स्व रोजगार के लिए जनपद स्तर पर कार्ययोजना तैयार करते हुए अभियान को गति प्रदान करेगी। 
हर कार्यालय में हेल्प डेस्क के जरिए रखा जाएगा विवरण 
मुख्य सचिव आरके तिवारी के मुताबिक मिशन रोजगार के तहत प्रत्येक विभाग, संगठन, प्राधिकरण आदि के कार्यालय में एक रोजगार हेल्प डेस्क बनाया जा रहा है। इस हेल्प डेस्क पर उस विभाग में सम्बन्धित रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाने से सम्बन्धित कार्यक्रमों का समुचित विवरण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही यहां एक रजिस्टर रखा जाएगा, जिसमें रोजगार, स्वरोजगार पाने के इच्छुक व्यक्ति का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके बाद समय-समय पर विभिन्न योजनाओं में लाभार्थी चयन करते हुए उसे बुलाया जाएगा और पात्रता के आधार पर उसे रोजगार, नौकरी दी जाएगी।
रोजगार का विवरण समय-समय पर किया जाएगा अपडेट: 
मुख्य सचिव ने बताया कि जिन विभागों में रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप की योजनाएं आनलाइन चलाई जा रही है, वहां रोजगार हेल्प डेस्क के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते हुए डेटा बेस तैयार किया जायेगा।
मिशन रोजगार के सम्बन्ध में समस्त डेटा बेस रखने तथा इस सम्बन्ध में एक एप तथा पोर्टल विकसित किये जाने की जिम्मेदारी निदेशालय, प्रशिक्षण एवं रोजगार को दी गई है। इसके लिए आवश्यक बजट की व्यवस्था श्रम विभाग करेगा। रोजगार से सम्बन्धित डेटा की प्रत्येक माह की 15 तारीख एवं माह के अन्तिम दिवस पर अपडेट करने की जिम्मेदारी सम्बन्धित विभागीय नोडल अधिकारी की होगी। 
मिशन रोजगार के सम्पूर्ण कार्यक्रम अभियान का संचालन श्रम एवं सेवायोजन विभाग उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत गठित उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के अन्तर्गत किया जायेगा। विभिन्न विभाग सेवायोजन पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूपों पर अपनी सूचनाएं अपडेट करेंगे।
विशेष अभियान चलाकर लम्बित भर्ती प्रकरणों का होगा निस्तारण:
इसके साथ ही प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय निजी उद्योगों के साथ मिलकर रोजगार मेलों का आयोजन करेगा। विभिन्न विभाग स्वरोजगार से सम्बन्धित कार्यक्रमों के लिए कार्यशालाएं व जागरूकता के कार्यक्रम भी चलाएंगे। वहीं विशेष अभियान चलाकर पूर्व में लम्बित आ रही भर्ती प्रकरणों का निस्तारण कराया जायेगा। विभिन्न विभागों द्वारा नौकरियों के सम्बन्ध में चयन आयोगों को 100 प्रतिशत रिक्तियों के विरुद्ध अधियाचन भेजे जायेंगे तथा इनका विवरण उल्लिखित भी किया जायेगा।
विभिन्न विभाग आउटसोर्सिंग तथा अन्य किसी प्रकार से भी सेवाओं के माध्यम में सृजित किए गए रोजगार का उल्लेख भी अपनी योजना तथा प्राप्तियों में करेंगे। जिला स्तर पर विभिन्न विभाग जागरूकता के कार्यक्रमों का भी आयोजन करेंगे।
रोजगार से जोड़ने के लिए दिलाया जा रहा प्रशिक्षण: 
राज्य सरकार के मुताबिक युवाओं को वैश्विक स्तर से लेकर जिला स्तर तक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म कोर्सेरा, यूएसए के जरिए प्रदेश के 50 हजार युवाओं को अन्तरराष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम नि:शुल्क प्रदान कर रहा है। इसके माध्यम से विश्व के 200 से भी अधिक विख्यात विश्वविद्यालयों, संस्थानों तथा कम्पनियों द्वारा संचालित किये जा रहे 3,800 से अधिक उपलब्ध पाठ्यक्रमों में से अपनी रुचि के अनुसार कोर्स चयन का विकल्प दिया गया है। प्रशिक्षण के उपरान्त सफल युवाओं को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रमाण पत्र भी प्राप्त होगा।

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