राहुल के विवादित बोल, कहा-इस बार दशहरे पर रावण नहीं, प्रधानमंत्री का पुतला जला

राहुल के विवादित बोल, कहा-इस बार दशहरे पर रावण नहीं, प्रधानमंत्री का पुतला जला

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पटना। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड सांसद राहुल गांधी वाल्मीकि नगर (पश्चिम चंपारण) में विपक्षी महागठबंधन के पक्ष में आज चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया। कृषि कानूनों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और दशहरे के मौके पर पहली बार ऐसा […]

पटना। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड सांसद राहुल गांधी वाल्मीकि नगर (पश्चिम चंपारण) में विपक्षी महागठबंधन के पक्ष में आज चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया। कृषि कानूनों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और दशहरे के मौके पर पहली बार ऐसा हो रहा है कि दशहरा पर रावण का पुतला नहीं जलाया जा रहा बल्कि नरेंद्र मोदी जी, अंबानी और अडानी जी के पुतले जलाये जा रहे हैं।

यह खुशी की बात नहीं है। दुख की बात है, लेकिन कारण क्या है? कारण यह है कि जो नीतीश जी ने बिहार के साथ 2006 में किया वो आज नरेंद्र मोदी जी पंजाब, हरियाणा और पूरे हिन्दुस्तान के साथ कर रहे हैं। पीएम का पुतला जलाया गया तो मुझे दुख हुआ, मगर पंजाब और बिहार के युवाओं के दिल में चुभता है कि वो भाषण देते हैं, पर देश की सबसे  बड़ी समस्या रोजगार के बारे में कुछ नहीं कहते। प्रधानमंत्री मोदी अगर यह कह दें कि दो करोड़ युवाओं को रोजगार दिया है तो भीड़ उन्हें भगा देगी। उन्होंने कहा कि रोजगार देना हम जानते हैं। तमाम तरह के विकास करना जानते हैं, लेकिन हमारे अंदर एक कमी है। हम झूठ बोलना नहीं जानते, इस मामले में हमारा उनसे कोई मुकाबला ही नहीं है।

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और यहां के सीएम नीतीश कुमार ने मिलकर बिहार को बर्बाद कर दिया है, जिसके कारण आज किसानों की स्थिति खराब हो गई है। किसान कानूनों को लेकर राहुल ने कहा, ये जो तीन कानून नरेंद्र मोदी लाये हैं, जिसका पहले पायलट प्रोजेक्ट बिहार में किया गया था। ये तीनों कानून हिन्दुस्तान के, बिहार के किसानों पर आक्रमण है। आपके खेतों पर आक्रमण है। बिहार में 2006 में मंडी और एमएसपी के सिस्टम को नष्ट किया गया था। बिहार के किसान को अपनी मेहनत के लिए, अपनी खून पसीने के लिए सही दाम नहीं मिल सकते। शहर का सहारा गांव होता है, गांव का सहारा किसान होता है और किसान का सहारा उसका खेत होता है। खेत और किसान के बिना शहर नहीं चल सकते हैं। बिहार के युवाओं को अपना राज्य छोड़ना पड़ रहा है।  

राहुल गांधी ने कहा, बिहार की शक्ति को समझिए। जब महात्मा गांधी दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति से लड़ने इंग्लैंड जा रहे थे तो वे हरियाणा नहीं गये, केरल नहीं गये, उत्तर प्रदेश नहीं गए, वे चंपारण गए, वे बिहार में गए क्योंकि उन्हें मालूम था अगर हिन्दुस्तान को खड़ा करना है, अंग्रेज़ों से लड़ना है तो लड़ाई बिहार से शुरू होगी। चंपारण से शुरू होगी।

बिहार विधानसभा (विस)चुनाव के दूसरे चरण के रण का आज आगाज हो गया है। वाल्मीकि नगर में राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और वादा पूरा नहीं करने के आरोप लगाये। कहा, कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यहां आए थे तो उन्होंने कहा था कि ये गन्ने का इलाका है, चीनी मिल चालू करूंगा और अगली बार आऊंगा तो यहां की चीनी चाय में मिलाकर पिऊंगा। बतायें, क्या आपके साथ उन्होंने चाय पी क्या।

लॉकडाउन के दौरान बिहार लौटे मजदूरों का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। बिहारियों को पैदल भगाया गया। मजदूर हज़ारों किलोमीटर वापस चलके वापस आए। पीने का पानी नहीं था, भोजन नहीं था, ट्रेन नहीं मिली, बस भी नहीं मिली। मैंने मजदूरों से मुलाकात की, बात की। सभी ने कहा, प्रधानमंत्री को लॉकडाउन करना था तो करते, लेकिन हमें 2-3 दिन दे देते हम बस-ट्रेन से घर चले जाते। मजदूरों ने मुझसे पूछा कि लॉकडाउन बिना वार्निंग के झटके से क्यों किया। लॉकडाउन और नोटबंदी का जवाब एक ही है। यह बात आपको विधान सभा चुनाव में रखनी है।

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