विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर नि:शुल्क घोंसला का वितरण नैतिक जागरण मंच ने किया
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बगहा। विश्व गौरैया दिवस की अवसर पर नैतिक जागरण मंच के सदस्यों ने गौरैयों को बचाने के लिए शुक्रवार को संकल्प लिया। मंच के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने बताया कि सांझा पराती गाने वाली प्रकृति की मंगल गायिका गौरैया को विश्व गौरैया दिवस की शुभकामनाएं है। आगे बताया कि आज नैतिक जागरण मंच के […]
बगहा। विश्व गौरैया दिवस की अवसर पर नैतिक जागरण मंच के सदस्यों ने गौरैयों को बचाने के लिए शुक्रवार को संकल्प लिया। मंच के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने बताया कि सांझा पराती गाने वाली प्रकृति की मंगल गायिका गौरैया को विश्व गौरैया दिवस की शुभकामनाएं है। आगे बताया कि आज नैतिक जागरण मंच के तरफ से लोगों के बीच निःशुल्क घोंसला वितरण कर गौरैया के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए आह्वान किया गया है। सचिव ने बताया कि भारत की विशेष पक्षी और खासकर भारत के नाम के साथ अत्यंत करीबी से जुड़ी हुई, किसी पक्षी का नाम है, तो वह है गौरैया। गौरैया भारत की घरेलू पक्षी है, इसे घरों में सांझा पराती गाने वाली प्रकृति की गायिका कहा जा सकता है। यह प्रकृति की वह गायिका है, जो नित दिन सुबह और शाम अपनी मधुर चाहचाहाट से मानो जैसे सुबह में सूरज का स्वागत कर मानव मात्र को सुबह में जगने की प्रेरणा देती है। वहीं दूसरी ओर शाम के समम प्राणी मात्र को घर लौटने की संदेश देते हुए, अस्तगामी सूरज को विदा भी करती है। यह एक मंगलकारी और अच्छे स्वास्थ्य की परिचारिका भी है। क्योंकि यह उन कीटाणुओं का भक्षण करती है ।जो हमारे लिए नुकसानदेह हैं । नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट बगहा गौरैया संरक्षण के लिए अपनी मुहिम छेड़ दिया है । इसके लिए उसने कुछ घोंसले बनवा कर लोगों को निःशुल्क समर्पित किया है। आगे भी कुछ दाना पानी के नाम से कार्यक्रम चलाकर गौरैया संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक करेगा और जहां तक संभव हो सकेगा निशुल्क घोसला वितरण करने का प्रयास करेगा, क्योंकि गौरैया जो हमसे दूर हो गई हैं। जिनकी मंगल ध्वनि सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे हैं, उन पक्षियों व गौरैया के संरक्षण के लिए नैतिक जागरण मन ने घोंसला वितरण कार्यक्रम का आगाज कर दिया है। आज आप सभी से निवेदन है कि विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर निश्चित तौर पर, हर हाल में गौरैया को अपने घर पुनर्वासित करने के लिए, उन्हें तूने अपने घरों में आश्रय दे। विवाह जैसे शुभ व मांगलिक अवसरों पर हमारी माताओं और बहनों के की तरह सुबह और शाम को सांझा पराती गाने वाली प्रकृति की इस गायिका गौरैया के संरक्षण में एक कदम जरूर बढ़ाएं।
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