शहरों के प्ले स्कूल से कम नहीं हैं केन्द्र सरकार के आकांक्षी जिला के आंगनबाड़ी केंद्र

शहरों के प्ले स्कूल से कम नहीं हैं केन्द्र सरकार के आकांक्षी जिला के आंगनबाड़ी केंद्र

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बेगूसराय। बदलते माहौल में केंद्र सरकार के नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला के रूप में चयनित बेगूसराय में पीरामल फाउंडेशन की टीम शिक्षा और स्वास्थ्य के दिशा में काफी सराहनीय पहल कर रही है। स्कूलों को नया लुक दिया जा रहा है तो आंगनबाड़ी केंद्रों को भी नया लुक देने की प्रक्रिया शुरू की गई […]

बेगूसराय। बदलते माहौल में केंद्र सरकार के नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला के रूप में चयनित बेगूसराय में पीरामल फाउंडेशन की टीम शिक्षा और स्वास्थ्य के दिशा में काफी सराहनीय पहल कर रही है। स्कूलों को नया लुक दिया जा रहा है तो आंगनबाड़ी केंद्रों को भी नया लुक देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। बच्चों को घरेलू माहौल प्रदान करते हुए उसके समुचित विकास के उद्देश्य से जिले में 20 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया गया है। आईसीडीएस अंतर्गत संचालित इन केंद्रों पर प्रसवपूर्व जांच कक्ष, स्तनपान कक्ष आदि की सुविधा भी उपलब्ध है। सुदूरवर्ती गांव में संचालित यह आंगनबाड़ी केंद्र शहर के किसी प्ले स्कूल से कम नहीं दिखता है। ऐसा ही एक आंगनबाड़ी केंद्र है चेरिया वरियारपुर प्रखंड के बसही पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सकरौली के परिसर में स्थापित केेंद्र। इसे ऐसा आकर्षण रूप दिया गया है कि नीति आयोग ने भी सराहना किया है। ग्रामीणों में भी इसको ले कर खाफी उत्साह है, वे जल्द से जल्द इसके खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इन केंद्रों पर मोटर और पानी टंकी लगाया गया है। वास बेसिन के समीप हाथ धुलाई के छह चरण का प्रदर्शन और सन्देश लिखे गए हैं। जिसमें बच्चों को प्रतिदिन अभ्यास कराया जाएगा, साथ भी ग्रामीणों को आरोग्य दिवस के दिन अभ्यास कर हाथ धोने के फायदे बताए जाएंगे।पार्क, झूले, आधुनिक वर्गकक्ष, स्वच्छ शौचालय एवं रसोईघर बन रहा है। क्लास रूप में बच्चों को बैठने और खेल-खेल में सीखने की आकर्षक व्यवस्था है। दीवार को आकर्षक रूप से सजाया गया है। वर्ग कक्ष की ऊपरी दीवार को तारामंडल का स्वरूप दिया गया है। वर्ग कक्ष में लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी, रसोई गैस से बनेगा खाना बनेगा तो बच्चे और रसोइया को धुआं से मुक्ति मिलेगी। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने बताया कि सरकार का मकसद है आमजनों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना। आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल बनाने का उद्देश्य गांव स्तर पर बच्चों को निजी स्कूलों की तरह माहौल प्रदान करना है। उन्हें इस योग्य बनाना है कि वे आगे चलकर अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें। इससे गांव के नौनिहालों को स्कूल पूर्व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा और अच्छा शैक्षणिक वातावरण मिल सकेगा। इससे बच्चों में मानसिक तथा शारीरिक विकास होगा और वे आगे की शिक्षा को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। पिरामल फाउंडेशन के दीपक मिश्रा ने बताया कि केंद्र पर बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएगी। आरोग्य दिवस को ध्यान में रखते हुए अलग कक्ष की व्यवस्था से गर्भवती महिला को जांच कराने में सुविधा होगी, धात्री महिलाएं आएगी तो स्तनपान कक्ष में आराम से अपने बच्चे को स्तनपान करा सकेंगी। आज सही से हाथ नहीं धोने के कारण सबसे ज्यादा बीमारी होती है, इसको ध्यान में रखते हुये बेहतरीन वास बेसिन बनाया गया है। छोटे बच्चे आएंगे और अचरज से मुस्काएंगे। 

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