शिक्षा क्रांति के अग्रदूत थे पण्डित मदन मोहन मालवीय : सुशील पाण्डेय
मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण। बुधवार को स्थानीय महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय एवं भारत-रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती समारोह पूर्वक मनायी गयी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा कि पंडित मदनमोहन मालवीय शिक्षा क्रांति के अग्रदूत थे। मालवीय जी का योगदान केवल अध्यापन और राजनीति तक ही सीमित नहीं है। स्वाभाव से शालीन, विनम्र, उदारचित्त और सादा जीवन व्यतीत करने वाले मालवीय की पहचान एक सफल शिक्षाविद्, पत्रकार, सम्पादक, समाज सुधारक, वकील एवं एक कुशल वक्ता की भी है। समाज सुधार के क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए भी काम किया। पण्डित मालवीय जी उदारवादी हिन्दुत्व के प्रबल समर्थक थे।
पीयूपी काॅलेज के प्राचार्य डाॅ.(प्रो.) कर्मात्मा पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि मदनमोहन मालवीय उन विभूतियों में से एक हैं जिन्होंने राष्ट्र निर्माण का सपना देखा और उसे मूर्त रूप प्रदान किया। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान की स्थापना करने वाला यह उदारचित्त महामानव स्वयं में एक संस्था है।
अन्य वक्ताओं में डा. दीपनारायण मिश्र, ई. उमेश कुमार सिंह, पूर्व न्यायाधीश ध्रुवदेव पाण्डेय, पं. विनोद पाण्डेय, राजकुमार मिश्र, प्रो.जेसी.गिरि, प्रो.अरबिन्द कुमार त्रिपाठी, राकेश कुमार तिवारी आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पंडित मदनमोहन मालवीय एवं भारत-रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी पर प्रकाश डाला।
समारोह का संचालन रुपेश ओझा एवं धन्यवाद ज्ञापन सुधीर दत्त पाराशर ने किया।
मौके पर राजन पाण्डेय, जितेन्द्र त्रिपाठी, विकास पाण्डेय, कुन्दन पाठक, सुधाकर पाण्डेय, सुजीत मिश्र, कुमारी पूनम, अरुण तिवारी, सुनील उपाध्याय, शैलेन्द्र गिरि, अभिषेक कुमार, नरेन्द्र झा सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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