श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ हुआ प्रारंभ, 11 फरवरी को होगा समापन
मुजफ्फरपुर। जिला के औराई थाना क्षेत्र के करहट्टी गांव में बुधवार को संगीतमय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के व्यासपीठ पर विराजमान कथा व्यास साध्वी कृष्ण नंदन सरस्वती दीदी मां ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना महर्षि वेद व्यास ने सरस्वती नदी के तट पर अवस्थित अपने आश्रम में की थी इसकी प्रेरणा उन्हें महर्षि नारद से मिली थी। वेद व्यास ने श्रीमद भागवत महापुराण श्लोक की रचना कर ली थी। इसमें 12 स्कंद , 335 अध्यायों में 18 हजार श्लोक हैं। इसमें श्रीकृष्ण के 22 अवतारों की विस्तार से चर्चा की गई है। भागवत जीवन दर्शन का ग्रंथ है ।यह जीवन जीने की कला का मार्गदर्शन करता है।भागवत की भक्ति का आदर्श कृष्ण की गोपियां हैं ।गोपियों ने घर नहीं छोड़ा। उन्होंने स्वधर्म त्याग नहीं किया।वे वन में नहीं गई फिर भी वह सिर्फ भगवान को प्राप्त कर सकी।भागवत ज्ञान, वैराग्य को जागृत करने की कला है।ज्ञान और वैराग्य मनुष्य के अन्दर है ,पर वह सोये हुए हैं । भागवत के अलावा अन्य कोई ग्रंथ नहीं जो सात दिनों में मुक्ति का मार्ग दिखा दे। ज्ञानसत्र का संचालन मानस मर्मज्ञ मंतेशवर कुमार उर्फ राजा भैया कर रहे थे वही सत्र में मुरारी सिंह, सुधाकर सिंह, चितरंजन प्रसाद सिंह, ललन सिंह, रामबाबू सिंह, त्रिपुरारी सिंह, राजकिशोर मिश्र, रामबालक सिंह, सुधार सिंह, राकेश सिंह राकेश सिंह, छोटू कुमार, चुन्नू कुमार, गोलू कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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