नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेना की तैयारियों को परखने और अब तक चीनी सेना के साथ हुई वार्ता की समीक्षा करने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को लद्दाख में आगे के क्षेत्रों का दौरा किया और जमीन पर परिचालन की स्थिति […]
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेना की तैयारियों को परखने और अब तक चीनी सेना के साथ हुई वार्ता की समीक्षा करने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को लद्दाख में आगे के क्षेत्रों का दौरा किया और जमीन पर परिचालन की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने उच्च मनोबल के लिए सैनिकों की सराहना की और उन्हें उत्साह के साथ डटे रहने के लिए प्रेरित किया।
जनरल एमएम नरवणे आज पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड एरिया में गए और जवानों से मिलकर उनके साहस को सराहा। आर्मी चीफ ने ऑपरेशनल तैयारियों का भी जायजा लिया। उनके साथ उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केके जोशी भी थे। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने आज पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ लड़ने वाले सैनिकों को प्रशंसा पत्र प्रदान किया। भारतीय और चीनी सैनिकों ने पैंगोंग त्सो झील, फिंगर क्षेत्र और गैलवान नदी घाटी में हिंसक रूप से सामना किया है।
जनरल नरवणे अपने दौरे के पहले दिन बुधवार को 15/16 जून की रात को चीनी सेना के साथ गलवान घाटी के खूनी संघर्ष में घायल सेना के जवानों से भी लेह अस्पताल में जाकर मिले थे। उपचाराधीन जवानों के साथ नरवणे ने बातचीत करते हुए गलवान घाटी में हुई पूरी घटना की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बहादुर जवानों का उत्साह भी बढ़ाया और उनके साहस की सराहना की। आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल से भी मुलाकात की। इस दौरान नॉर्दन आर्मी कमांडर और 14 वीं कोर कमांडर भी मौजूद थे।
चीन के साथ चल रहे विवाद के चलते सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीन के साथ दो दौर की वार्ता करने वाले 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी ली। लेफ्टिनेंट जनरल ने उन्हें चीन के दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिन लियू के साथ 22 जून को हुई दूसरे दौर की बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत और चीन पैंगोंग सहित पूर्वी लद्दाख में चरणबद्ध तरीके से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीछे हटने पर सहमत हुए हैं। 11 घंटे की इस बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि इन प्रयासों के दौरान गलवान जैसी हिंसक घटना की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए चीन को आगाह किया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने बताया कि मैराथन वार्ता में यह भी निर्णय लिया गया है कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के सभी विवादित क्षेत्रों से चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने में आपसी सहमति व्यक्त की है, जिसमें पैंगोंग झील चिंता का मुख्य बिंदु है। उन्होंने चीन के दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिन लियू के साथ हुई वार्ता को सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक बताया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के सभी विवादित क्षेत्रों से पीछे जाने की यह प्रक्रिया धीरे-धीरे और प्रत्येक स्थान के लिए अलग-अलग होगी।
कमांडरों ने यह भी तय किया कि एलएसी से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए स्थानों, तिथियों और घटनाओं का एक कैलेंडर तैयार किया जायेगा। इसके बाद निर्धारित तिथि पर निर्धारित क्षेत्र से दोनों पक्षों को निर्धारित सैनिकों की संख्या कम करके पीछे वापस जाना होगा। यह चक्र फिर से तय कार्यक्रम के अनुसार किया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि चीनी सैनिकों ने फिंगर-4 से 8 तक के 8 किमी के इलाकों के पहाड़ी क्षेत्र में दर्जनों नए बंकर बनाए हैं। दोनों पक्षों में अतिरिक्त बटालियन, आर्टिलरी गन और बख्तरबंद गाड़ियों को टकराव स्थलों से पीछे ले जाने की भी बात तय हुई है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News
बिगनी मलाहीन: लाशों की ढेर पर कोई घड़ियाली आँशु बहा रहा है,,,,,
21 Mar 2024 19:59:59
अपराध वही, भ्रष्टाचार वही, एक भी उद्योग नहीं, एक चीनी मिल था वो भी बंद हो गया | हा- अपहरण...
Comments