स्पीकर चुने गये विजय सिन्‍हा, महागठबंधन के अवध बिहारी चौधरी को हराया

स्पीकर चुने गये विजय सिन्‍हा, महागठबंधन के अवध बिहारी चौधरी को हराया

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पटना। बिहार के संसदीय इतिहास में तीसरी बार विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव बुधवार को हुआ है। करोड़ों के चारा घोटाले के चार मामलों में रांची में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की भाजपा विधायकों को लुभाने की कोशिश भी कामयाब नहीं हुई। महागठबंधन की काफी जद्दोजहद के बाद एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा स्पीकर […]

पटना। बिहार के संसदीय इतिहास में तीसरी बार विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव बुधवार को हुआ है। करोड़ों के चारा घोटाले के चार मामलों में रांची में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की भाजपा विधायकों को लुभाने की कोशिश भी कामयाब नहीं हुई। महागठबंधन की काफी जद्दोजहद के बाद एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिये गये। प्रोटेम स्‍पीकर जीतन राम मांझी ने विजय कुमार सिन्‍हा के बिहार विधानसभा के स्‍पीकर पद पर निर्वाचित होने की घोषणा की। विजय सिन्हा के पक्ष में 126 और विपक्ष के अवध बिहारी चौधरी को 114 वोट मिले। हंगामे के बीच महागठबंधन नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नये अध्यक्ष को आसन ग्रहण करवाया।

सत्ता पक्ष के विजय सिन्हा के मुकाबले महागठबंधन की ओर से अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी बनाकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया था। प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी ध्वनि मत से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना चाहते थे, लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं था। विपक्ष इस बात पर भी अड़ा हुआ था कि जब सीएम नीतीश कुमार और दो मंत्री अशोक चौधरी, मुकेश सहनी नई विधानसभा के सदस्य नहीं हैं तो उन्हें मतदान प्रक्रिया के दौरान सदन से बाहर किया जाए और गुप्त मतदान कराया जाये। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। उनके विधायक वेल में आ गये और नारेबाजी करने लगे। जब विपक्ष का हंगामा नहीं रुका तो प्रोटेम स्पीकर मांझी ने विधान परिषद के सदस्य नीतीश कुमार और दोनों मंत्रियों चौधरी और सहनी को बाहर जाने को कहा। दोपहर 12 बजे करीब 5 मिनट के लिए सदन स्थगित करा दिया। इसके बाद सदन जब दोबारा बैठा, तब भी विपक्ष ने हंगामा जारी रखा और विधायक गुप्त मतदान की मांग करते रहे। इसके बावजूद हंगामे के बीच सदन में मत विभाजन से अध्यक्ष पद का फैसला हुआ। प्रोटेम स्पीकर ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बारी-बारी से खड़ा कर वोटों की गिनती कराई। इसके बाद एनडीए प्रत्याशी सिन्हा को स्पीकर घोषित कर दिया। सिन्हा के पक्ष में 126 वोट और विरोध में 114 वोट पड़े।   

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा ने सदन में संबोधन के साथ ही स्‍पीकर विजय कुमार सिन्‍हा को बधाई दी। वाम दल की ओर से महबूब आलम, हम प्रमुख जीतन राम मांझी, एमआईएमआईएम के अख्‍तरूल ईमान, लोजपा के राज किशोर सिंह ने बधाई दी। वीआईपी के अध्यक्ष और मंत्री मुकेश सहनी ने धन्यवाद देते हुए लालू यादव पर निशाना साधा। बोले, जेल से फोन नहीं करना चाहिए था। संविधान और नियमों को ध्यान रखना चाहिए। उल्लेखनीय है कि विजय सिन्हा लखीसराय से भाजपा के विधायक हैं। वे मंत्री भी रह चुके हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आसन (नये स्पीकर विजय कुमार सिन्हा) को बधाई देते हुए कहा कि आपको नियमानुसार कार्य का संचालन करना है। आप मंत्री भी रह चुके हैं। विश्वास है कि आप विधानसभा अध्यक्ष का कार्यभार अच्छे से निभाएंगे। नियमानुसार कार्यवाही संचालित करेंगे। सभी लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है।    

तेजस्वी ने भी सिन्हा को बधाई दी। कहा, आसन को निष्पक्ष होना होगा। ये जिम्मेदारी भरा पद है, ये जिम्मेदारी आपको निभानी होगी। हम वैशाली से जीत कर आए हैं, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी है। मेरा सभी से अनुरोध है कि संविधान की रक्षा करें। सच को जितना छिपाएंगे, वह समय-समय पर निकल आता है। झूठ और असत्य का साथ नहीं दे सकते।

इससे पहले हंगामे की वजह से 5 मिनट के लिए हाउस स्थगित किया गया था। इसी दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने वीडियो रिकॉर्डिंग कर बयान जारी किया। कहा, देश-दुनिया के सामने लोकतंत्र और संविधान की हत्या हो रही है। विधानसभा चुनाव में जनादेश की चोरी और स्पीकर के चुनाव में भी खुलेआम चोरी हो रही है। नीतीश कुमार विधान परिषद के सदस्य हैं। दो मंत्री तो विधान परिषद के भी सदस्य नहीं हैं। उनके कई विधायक गैरहाजिर हैं और नेताओं को फर्जी विधायक बनाकर बैठाया गया है। नियम कहता है कि जो सदन का सदस्य नहीं होता, उसे वोटिंग के लिए दरवाजे बंद होने से पहले बाहर जाना होता है।

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