मौन हो गई सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर, 92 वर्ष की उम्र में निधन

मौन हो गई सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर, 92 वर्ष की उम्र में निधन

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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नई दिल्ली। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन हो गया है। वह पिछले 8 जनवरी से मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्तपाल में भर्ती थीं। उन्हें कोविड संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता उनका जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता मंगेशकर पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी थीं। उनका पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था। लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी थीं। मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे थे। उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे और वह एक मशहूर नाम थे।

लता मंगेशकर जब सात साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं. उन्होंने पांच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू कर दिया था। लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं। लता के पिता को शास्त्रीय संगीत बेहद पसंद था। इसीलिए वह लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे। 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और परिवार चलाने के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कीं।

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कहा जाता है कि लता मंगेशकर को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे। इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। लता ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया। लता मंगेशकर का पूरा जीवन अपने परिवार के लिए समर्पित रहा। घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं। लता मंगेशकर को 2001 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

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