बगहा । पश्चिम चम्पारण के लौरिया थाना के देवराज बसवरिया निवासी वाहिदा रहमान से दहेज मांगने और तलाक देने के मामलें में दर्ज कांड़ संख्या 281/21 में आरोपियों के गिरफ्तारी पर से रोक बेतिया व्यवहार न्यायालय ने विगत दिनों 16 मार्च को हटा लिया है। गिरफ्तारी पर से व्यवहार न्यायालय के रोक हटाये जाने के बाद आरोपियों को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस के मुताबिक वाहिदा रहमान की शादी 5 अक्टूबर वर्ष 20 को अपने गांव में ही असदक जमाल से हुई। पिता प्रोफेसर हफीजूर रहमान 12 लाख रुपये लगाकर बड़ी धूमधाम से बेटी की शादी सम्पन्न की।
बेटी के ससुराल जाने के बाद बेटी के ससुराल पक्ष से बोलोरो की मांग की जाने लगी, बेटी को मारने पीटने से लेकर कई प्रकार की प्रताड़ना दी जाने लगी। बोलोरो नहीं देने पर बेटी के ससुराल पक्ष के लोगों ने बेटी का दान दहेज, जिसमें चार लाख गहना रखते हुए घर से 19 नवम्बर वर्ष 20 को निकाल दिया।वाहिद रहमान का पति असदक जमाल विदेश में ओमान कमाने चला गया।
वाहिदा रहमान विदेश रह रहे पति को फोन पर समझाने का प्रयास करती रही, परन्तु असदक जमाल अपने घरवालों में शामिल, घर पर रह रहें बहन- बहनोई के दवाब और बहकावे में आकर एक जून वर्ष 2021 को मोबाइल पर फोन करवाकर तलाक दिलवा दिया, ऐसे में वाहिदा रहमान को स्थानीय थाना लौरिया में मुकदमा दर्ज करकर न्यायलय की शरण लेनी पड़ी। पुलिस कार्रवाई के सन्दर्भ में पीड़िता के पिता पेशे से वित्त रहित कालेज में कार्यरत प्रोफेसर हफिजुर रहमान ने बताया कि पुलिस कार्रवाई में सात आरोपित में से पुलिस ने चार का नाम निकाल दिया और बाकी तीन की गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई थी जिस पर बेतिया व्यवहार न्यायालय ने बीते 16 अप्रैल को गिरफ्तारी पर से रोक हटा दिया हैं।
पीड़िता वाहिदा रहमान ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों को अविलंब गिरफ्तारी करने की गुहार लगायी है।
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