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परशुराम जयंती पर बोले तेजस्वी, पिता की गलती सुधारने का दें मौका
आशुतोष ने कहा, जो सम्मान देगा उसके साथ होंगे खड़ा
पटना । भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच के तत्वावधान में मंगलवार को स्थानीय बापू सभागार में आयोजित परशुराम जयंती कार्यक्रम में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पिता लालू यादव की गलती को सुधारने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि गलती हर किसी से होती है। उस गलती को सुधारने का मौका मिलना चाहिए। राजद विधायक ने कहा कि हम आपके साथ हाथ बढ़ाने आये हैं। आपका विश्वास जीतने आये हैं। मेरे पर भरोसा कीजिए। कभी आपके विश्वास को नहीं तोडूंगा। अगर हम सब साथ मिल जाएं तो हमें हराना वाला कोई नहीं होगा। हम मिलकर नया बिहार बनाएंगे।
हम सम्मान के भूखे हैं : आशुतोष
भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच के आशुतोष कुमार ने कहा कि हमारे समाज को भोजन की कमी नहीं है। हम सम्मान के भूखे हैं। जो हमें सम्मान देगा हम उसके साथ मजबूती से खड़े होंगे। जो अपमानित करेगा उसके अपमान का बदला भी सूद समेत लौटाएंगे। क्या यह शक्ति प्रदर्शन है, के सवाल पर आशुतोष कुमार ने कहा कि ये एक धार्मिक आयोजन है। एक साधारण कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा कि केवल बोचहां चुनाव के बाद से हम ब्रह्मर्षि समाज को हम संगठित करने में नहीं जुटे हैं। उन्होंने बताया वो इस काम के लिए अब तक 3400 गांवों का भ्रमण कर चुके हैं। ये एक दशक का प्रयास है। हमारा काम है सरकार के समक्ष अपनी मांग रखना, हमने रख दिया । अब ये सरकार को तय करना है कि उसे मांगना है कि नहीं।
मौके पर बोचहां विधायक अमर पासवान ने कहा, 'आशुतोष जी ने सभी धर्म के लोगों को यहां बुलाया है। समाज में जो त्रुटियां हैं, उसे साथ मिलकर दूर करना है। एटूजेड को आगे बढ़ाते हुए बिहार को आगे बढ़ाना है।'
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत शोभायात्रा से की गई। इसके तहत संगठन की तरफ से बेली रोड स्थित पंचमुखी मंदिर से बापू सभागार तक शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे। इस शोभा यात्रा में शामिल सभी लोगों के कंधे पर एक पीला गमछा था और ये जय परशुराम का नारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास दिल्ली से पटना पहुंचे थे। मंच पर परबत्ता विधायक डॉ. संजीव कुमार, बोचहां विधायक अमर पासवान, पूर्व मंत्री वीणा शाही, शिक्षाविद् जे राय, उषा त्रिपाठी आदि मौजूद थे।
ब्रह्मर्षि समाज की तीन मुख्य मांगें
1. महापुरुषों की जीवनी की तरह भगवान परशुराम की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
2. सभी 38 जिले में गरीब सवर्ण बच्चों के लिए परशुराम छात्रावास का निर्माण कराया जाए।
3. सभी 38 जिले में गरीब सवर्ण बच्चों के लिए परशुराम छात्रावास का निर्माण कराया जाए।
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