घर को बना रखा था गैस चेंबर, दीवार पर लिखा प्लीज कमरे में ना जलाये माचिस
मरने से पहले सुसाइड नोट लिख दिखाया मानवीयता
नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम जिले के वसंत विहार इलाके में ट्रिपल सुसाइड मामले में मरने से पहले मां और दोनों बेटियों ने पूरे घर को गैस का चेंबर बना रखा था।
यहीं कारण था 55 वर्षीय मंजू और उनकी दोनों बेटी 30 वर्षीय अंकिता और 26 वर्षीय अंशुता की दम घुटने से मौत हो गई।
हालांकि जब पुलिस ने कमरे का दरवाजा खोल अंदर दाखिल हुई तो देखा तो मां और दोनों बेटी एक कमरे में मृत पड़ी हुई है
और उन्होंने दीवार पर एक सुसाइड नोट लिख रखा जिस पर लिखा था प्लीज दरवाजा खोलने के बाद माचिस या लाइटर ना जलाये। घर में काफी गैस भरी हुई है।
मरने से पहले से ही उन्हें दूसरे की जान की फ्रिक थी। उन्हें पता था कि दरवाजा तोड़ अंदर आने के बाद कोई माचिस या लाइटर जला सकता है जिससे कमरे के अंदर ब्लास्ट हो सकता है कि निर्दोष लोगों की जान भी जा सकती है।
वहीं सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जब वसंत विहार के वसंत अपाटमेंट के मकान नंबर 207 में दाखिल हुई तो वह भी हक्के बक्के रह गये। मकान की खिड़कियां और दरवाजे थे।
खिड़कियों को पॉलिथिन से बंद कर रखा था और कमरे में गैस सिलेंडर खुला हुआ था साथ ही कमरे में तीन छोटी-छोटी अंगीठी भी जल रही थी। हालांकि जबतक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी।
अभी तक जांच में पता चला कि मंजू अपनी पति उमेश के मौत के बाद से डिप्रेशन में चली गई थी। बाद में दोनों बेटियां भी डिप्रेशन में चली गई।
परिवार के मुखिया उमेश की 2021 में कोरोना के कारण मौत हो गई थी। वह सीएम थे। उनकी मौत के बाद से घर की आर्थिक स्थित खराब हो गई थी। मकान नंबर 207 में मंजू और उनकी दोनों बेटी रहती थी,जबकि दूसरा फ्लैट उन्होंने किराये पर दे रखा था। लेकिन दूसरा फ्लैट भी कुछ महीनों से खाली पड़ा था।
पूरी योजना के तहत मां और दोनों बेटियों ने की खुदकुशी
घटना स्थल पर पुलिस टीम पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़ अंदर दाखिल हुई तो कमरे के अंदर मां और दोनों बेटियां बिस्तर पर मृत मिली। जांच में पता चला कि पूरी योजना के तहत मां और दोनों बेटियों ने खुदकुशी की।
उन्हें पता था कि जब तक पुलिस और पड़ोसियों के उनके बारे में पता चलेगा,तबतक तीनों की मौत हो चुकी होगी। बकायदा पूरे कमरे की खिड़कियों को पहले पॉलिथिन से पैक किया गया,ताकि कमरे से जहरीली गैस भर जाये और बाहर किसी को पता भी नहीं चले। फिर भी उनकी मौत नहीं होती तो गैस सिलेंडर को ऑन कर रखा था और तीन छोटी-छोटी अंगीठी जला रखी थी कि ताकि जहरीली गैस जैसे ही आग के चपेटे में आये एक ब्लास्ट के साथ सब कुछ खत्म हो जाये।
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