
पेयजल संकट दूर करने में मील का पत्थर साबित होगी गंगाजल उद्भव परियोजना-नीतीश
नवादा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को नवादा जिले के मोतनाज़े गांव पहुंचकर बिहार सरकार के चिर प्रतिक्षित गंगाजल उद्भव परियोजना का निरीक्षण के बाद अपना वादा पूरा करने की बात कही। गंगाजल पटना जिले के मोकामा प्रखंड के हथदाह से नवादा जिले के मौतनाजे पहुंचा है।
जिसे मुख्यमंत्री ने जल जीवन हरियाली के तहत अपनी परिकल्पना के दिन बताया है। गंगा का पानी गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों में ख़ुशी देखी जा रही है। गंगाजल उद्वह योजना के तहत गंगा पानी पहुँचाने का यह सफल ट्रायल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। गंगाजल उद्भव परियोजना के तहत गंगा का पानी हाथीदह से नालंदा, नवादा और गया तक ले जाया जाएगा। इसके लिए 191 किलोमीटर से अधिक की पाइपलाइन बिछाई गई है।
इस दौरान सिंचाई मंत्री संजय झा सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने कई दिशा-निर्देश भी दिए हैं। गंगा जल परियोजना के लिए कैबिनेट से 28 दिसंबर 2019 को मंजूरी दी गई थी। बताया जाता है कि 3000 करोड़ रुपये से इस योजना का निर्माण किया गया है। 51 किलोमीटर की दूरी में एक ही चैनल होगा.गिरियक से पानी ले जाने के लिए तीन रास्ते होंगे। एक तरफ राजगीर और दूसरी तरफ नवादा के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है।
फिर गिरियक से ही वाणगंगा होते हुए तपोवन, जेठिया और दशरथ मांझी के गांव से गया के मानपुर तक पाइप पहुंचेगी।
गंगाजल को राजगीर के घोड़ाकटोरा में 354 एकड़ में स्टोर किया जाएगा। इस परियोजना से इन तीनों जिलों के लाखों लोगों की प्यास बुझाना मकसद है। गंगाजल उद्भव योजना के सफल कार्य से ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
गंगाजल को नवादा के पौरा के निकट भी जमा करके जल संकट दूर करने के उद्देश्य वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की भी सरकार की योजना है। इसके लिए स्थल निरीक्षण का काम भी डीएम के द्वारा पूरा किया जा चुका है। जिससे एक बड़ी आबादी को पेयजल संकट दूर हो सकेगी।
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