पटना। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आनंद मोहन को एक केस में पेशी के लिए पटना लाया गया था।
12 अगस्त को एक केस में उनकी पेशी थी। लेकिन, इसके बाद वे वापस जेल जाने के बजाए पाटलीपुत्रा स्थित अपने आवास पहुंच गए।
इस कड़ी में उन्होंने पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की। बताया जाता है कि 12 अगस्त को सिविल कोर्ट में पेशी के लिए आनंद मोहन को पुलिस कस्टडी में पटना लाया गया था।
कोर्ट में पेशी के बाद वे सीधे पाटलिपुत्रा स्थित अपने आवास पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद समेत पार्टी के वर्कर्स के साथ बैठक की। सजायाफ्ता आनंद मोहन कौटिल्यनगर मुहल्ले में भी देखे गए।
आनंद मोहन के इस तरह से खुलेआम घुमने से विरोधी दल के लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि कैसे आजीवन कारावास की सजा काट रहा कोई सजायाफ्ता खुलेआम सड़कों पर घुम सकता है।
कानून के जानकारों ने इसे सीधे-सीधे कानून का उल्लंघन बताया। विदित हो कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में पटना की कोर्ट ने साल 2007 में पूर्व सांसद आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी।
लेकिन बाद में आनंद मोहन की अपील पर पटना हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
मामले में आनंद मोहन फिलहाल सहरसा की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वे 12 अगस्त को पेशी के लिए पटना लाए गए थे।
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