नई दिल्ली। भारतीय किसान संघ की दिल्ली प्रांत कार्यकारिणी की बैठक गुरुवार को पल्ला गांव में हुई। बैठक में केंद्र सरकार के ‘कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश-2020’ की विसंगतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इन विसंगतियों का विरोध देशभर के किसान कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ की बैठक में यह निर्णय हुआ कि दिल्ली […]
नई दिल्ली। भारतीय किसान संघ की दिल्ली प्रांत कार्यकारिणी की बैठक गुरुवार को पल्ला गांव में हुई। बैठक में केंद्र सरकार के ‘कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश-2020’ की विसंगतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इन विसंगतियों का विरोध देशभर के किसान कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ की बैठक में यह निर्णय हुआ कि दिल्ली के सभी गांवों के किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखेंगे और उनके ई-मेल पर भेजेंगे।
भारतीय किसान संघ के प्रांत अध्यक्ष हरपाल सिंह डागर ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि कृषि अध्यादेश में सुधार होना अति आवश्यक है। बैठक में डागर के साथ-साथ प्रांत महामंत्री सुरेन्द्र, कोषाध्यक्ष ब्रह्मप्रकाश, नजफगढ़ जिले के अध्यक्ष विजेन्द्र कोटला, नरेला जिले के अध्यक्ष सुरेन्द्र आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में ये प्रस्ताव हुए पारित
– निजी व्यापारियों का केन्द्र और राज्यस्तर पर पंजीयन अनिवार्य हो।
– व्यापारियों की बैंक सिक्यूरिटी भी हो, जो वेब पोर्टल पर उपलब्ध हो।
– स्वतंत्र कृषि न्यायालय की स्थापना हो और किसान के जिले में ही सब विवादों का निपटारा हो।
– किसान की परिभाषा में सिर्फ वही कॉर्पोरेट कम्पनी शामिल हों जो केवल कृषि पर आधारित हों।
क्या है अध्यादेश में
किसानों को अपनी पसंद के बाजार में उत्पाद बेचने की छूट मिलेगी। सरकार को उम्मीद है कि किसानों को फसलों का बेहतर दाम मिलेगा। सरकार का कहना है कि किसानों को बेहतर दाम वाले अपनी पसंद के बाजार में उपज बेचने के विकल्प देने से संभावित खरीदारों की संख्या बढ़ेगी। इस अध्यादेश के तहत किसानों को एक राष्ट्रीय ढांचा मिलेगा। इससे कृषि व्यवसाय से जुड़ी कंपनियां, प्रोसेसर, थोक व्यापारी, निर्यातक और किसानों के बीच पहले से तय कीमतों पर समझौते की छूट होगी।
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