नई दिल्ली।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा 16 अगस्त को सउदी अरब के दौरे पर जाएंगे। उनके इस दौरे का मुख्य मकसद रियाद को इस बात के लिए मनाना है कि वह पाकिस्तान को वित्तीय और तेल की उधारी जारी रखे।
सउदी अरब ने पाकिस्तान को तीन अरब डाॅलर की नकदी और 3 .2 अरब डाॅलर के उधार तेल की सुविधा दे रखी थी, लेकिन पिछले दिनों कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा सउदी अरब को धमकी दिए जाने के कारण संबंधों में दुराव आ गया है। अब रियाद उधारी की मियाद नहीं बढ़ा रहा है, उल्टे पाकिस्तान को दिए उधार पैसे की वसूली में भी लग गया है। अगस्त के प्रारंभ में ही सउदी अरब ने एक अरब डाॅलर पाकिस्तान से वापस ले लिए और अब बाकी रकम के लिए भी दवाब बना रहा है। कंगाली के मुहाने पर खड़े पाकिस्तान को कर्ज लौटाने के लिए चीन से एक और नया कर्ज लेना पड़ा।
सउदी अरब ने अभी तक उधारी तेल की मियाद बढ़ाई नहीं है। पाकिस्तान और सउदी के बीच बाद में भुगतान के आधार पर तेल आपूर्ति का करार मई में ही समाप्त हो गया। पेट्रोलियम मामले के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सलाहकार नदीम बाबर ने इस्लामाबाद में बुधवार 12 अगस्त को यह बताया कि पाकिस्तान ने 3.2 अरब डाॅलर के बाद में भुगतान के आधार पर तेल देने की मियाद एक साल और बढ़ाने की अपील सउदी अरब से की है, लेकिन हमें नहीं मालूम है कि यह मियाद कब बढ़ेगी। बाबर ने कहा कि पहले साल हमने 3.2 अरब डाॅलर की उधार तेल की सहुलियत का पूरा उपयोग नहीं किया, इसलिए उम्मीद है कि मियाद एक साल और बढ़ जाएगी।
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि आर्मी चीफ रियाद के दौरे पर जा रहे हैं। उनका यह दौरा पहले से ही तय था। वे वहां अन्य मुद्दों के अलावा सेना से संबंधित मुद्दों पर भी बात करेंगे। पाकिस्तान में इमरान खान की इस बात की कड़ी आलोचना हो रही है कि उनके गैरज़िम्मेदाराना व्यवहार के कारण एक विश्वसनीय और बुरे वक्त में काम आने वाला मित्र देश सउदी अरब नाराज़ हो गया। अब उसी की भरपाई करने आर्मी चीफ बाजवा जा रहे हैं।
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