इजरायल और अरब में संधि, नए युग की शुरूआत

इजरायल और अरब में संधि, नए युग की शुरूआत

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नई दिल्लीपूरब और पश्चिम के मिलन की तरह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल के बीच गुरूवार 14 अगस्त को मिलन हुआ। ऐतिहासिक रूप से दोनों देशों ने अपने संबंध सामान्य बनाने और एक दूसरे के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई।  आबूधाबी के क्राउन प्रिंस और डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन […]

नई दिल्ली
पूरब और पश्चिम के मिलन की तरह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल के बीच गुरूवार 14 अगस्त को मिलन हुआ। ऐतिहासिक रूप से दोनों देशों ने अपने संबंध सामान्य बनाने और एक दूसरे के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई। 

आबूधाबी के क्राउन प्रिंस और डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहू ने एक लंबी बातचीत के बाद संबंध सामान्य बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। मौखिक सहमति के तुरंत बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि यूएई और इजरायल आपस में कई मुद्दों के समझौत पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए जल्दी ही दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेंगे।
इजरायल और अरब की यह दोस्ती कितनी महत्वपूर्ण घटना है, इसका अंदाज़ इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 1948 में इजरायल की स्वतंत्रता के बाद से अब तक सिर्फ दो अरब देशों के साथ उसके संबंध सामान्य हो सके हैं। यूएई से पहले इजिप्ट और जॉर्डन ही इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले देश हैं। 
इजरायल और यूएई के बीच संधि विश्व के लिए इतनी बड़ी घटना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि इस संधि से खाड़ी के देशों में शांति बहाली हो सकेगी। इजरायल और यूएई द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार दोनों देश निवेश, पर्यटन, सीधा हवाई संपर्क, सुरक्षा, टेली कम्युनिकेशन, टेक्नोलाॅजी, इनर्जी, हेल्थकेयर, संस्कृति और पर्यावरण के विषय से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। 
इस ऐतिहासिक संधि का श्रेय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप को दिया जा रहा है। इस संधि की नींव उस दिन ही पड़ गई थी जब 28 जनवरी, 2020 को व्हाइट हाउस में आयोजित एक समारोह में यूएई के प्रतिनिधि शामिल हुए थे और उसी दिन ट्रंप ने यह ऐलान किया था कि यूएई और इजरायल एक-दूसरे के नज़दीक आने के लिए तैयार हैं। उनके प्रयास के कारण ही दोनों देश   आपसी दुश्मनी भूलकर दोस्ती का हाथ एक दूसरे की ओर बढ़ा सके हैं। 
अब अमेरिका में यह मांग उठ रही है कि इस ऐतिहासिक शांति प्रयास के लिए ट्रंप को नोबेल पुरस्कार से नवाजा जाए। नेतान्यहू और शेख बिन जायद, दोनों ने ट्रंप के इस प्रयास की दिल खोलकर सराहना भी की। इजरायल ने मुस्लिम वर्ल्ड को खुश करने के लिए ही वेस्ट बैंक पर अपने अधिकार को मुअत्तल कर दिया है। ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि मुस्लिम, यहूदी और ईसाई देशों के बीच एक साथ दोस्ती की शुरूआत की गई है। 
इजरायल और यूएई के बीच दोस्ती की इस ऐतिहासिक शुरूआत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के सेकरेट्री जनरल गुतेरेस के प्रवक्ता ने कहा हम इस  नई पहल का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि अब इजरायल और फिलिस्तीन भी यूनएन प्रस्ताव के अनुसार एक सहमति बनाएंगे और उनके बीच भी सद्भाव कायम होगा। 
पूरी दुनिया भले ही इस संधि से खुश  हो लेकिन फिलिस्तीन, इरान और चीन इससे  हतप्रभ और सकते में हैं। यह कहा जा रहा है कि इरान ने फिलिस्तीन  से इस संबंध में संपर्क भी साधा है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास के प्रवक्ता ने इस इजरायल और यूएई की दोस्ती को अपनी पीठ पर छुरा भोंकना बताया है। फिलिस्तीन इतना नाराज है कि उसने यूएई से अपने राजदूत को वापस बुलाने तक की धमकी दे दी है। 

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