कृषि सुधारों के पीछे सिर्फ किसानों का हित: तोमर

कृषि सुधारों के पीछे सिर्फ किसानों का हित: तोमर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे कृषि सुधारों को धरातल पर उतारने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय हरसंभव कदम उठा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार बैठकों के जरिए कृषि सुधार कार्यक्रमों की समीक्षा और निगरानी कर रहे हैं। इन बैठकों […]
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे कृषि सुधारों को धरातल पर उतारने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय हरसंभव कदम उठा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार बैठकों के जरिए कृषि सुधार कार्यक्रमों की समीक्षा और निगरानी कर रहे हैं। इन बैठकों में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रकचर फंड को लेकर भी व्यापक विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसी क्रम में तोमर ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ दूसरे दौर की बैठक की।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित विभिन्न राज्यों के कृषि व सहकारिता मंत्री शामिल हुए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे ने कृषि को लेकर देशव्यापी योजना लाने व इस पर तेजी से अमल करने के लिए सभी से संवाद किए जाने पर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्रियों व कृषि मंत्रियों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से गांवों-खेतों तक निजी निवेश पहुंचाकर छोटे किसानों की भलाई का उद्देश्य है। फसल कटाई के बाद भंडारण, प्रोसेसिंग जैसी स्थाई व्यवस्थाओं के लिए ही एक लाख करोड़ रुपये की राशि प्रधानमंत्री ने दी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए ऐतिहासिक अध्यादेशों सहित रिफार्म्स के पीछे एकमात्र उद्देश्य किसानों का हित ही है। इन रिफार्म्स का सार यही है कि किसान अपनी जमीन पर स्वयं ही खेती करेंगे और जो उपज पैदा होगी, उसे कहीं, कभी और किसी को भी बेच सकेंगे, जिससे उससे अच्छी आय प्राप्त होगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि संविदा खेती का मतलब यह कतई नहीं है कि किसान की खेती या जमीन पर किसी और का कब्जा हो जाएगा। एग्री इंफ्रा फंड में स्वीकृतियां जारी हैं। राज्य सरकारें प्रस्तावों को शीघ्र प्रस्तुत कराएं, ताकि उनकी मंजूरी होकर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए राशि तुरंत दी जा सके। जो राज्य जितनी जल्दी कार्यवाही करेगा, उसे उतनी ही अधिक मदद मिल सकेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्रियों व संबंधित मंत्रियों को, केंद्र की अब तक की सबसे बड़ी इस योजना के लिए शीघ्र कमेटियां बनाकर मानीटरिंग करनी चाहिए। 
चर्चा के दौरान तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत महाराष्ट्र में अतिवृष्टि से प्रभावित 75 लाख किसानों को 5 हजार करोड़ रुपये की भरपाई की गई है। इस स्कीम में कंपनियों को अब तीन वर्ष के लिए काम दिया जाएगा, जिससे और सुधार होगा। दस हजार नए एफपीओ बनाने के लिए भारत सरकार साढ़े 6 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि का निवेश करेगी।
तोमर ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार तथा राज्यों व जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से देश में टिड्डियों पर नियंत्रण पा लिया गया है। भविष्य में फिर से यदि कोई समस्या आती है तो उससे निपटने के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह तैयार है। 
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। योगी ने इस पर अमल के संबंध में राज्यों के साथ सीधे संवाद के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर का भी आभार जताया। योगी ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर किसानों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। उन्होंने राज्य में केंद्रीय योजनाओं के प्रगति की भी विस्तार से जानकारी दी। 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक में अपने सुझाव रखते हुए कहा कि हमारे कृषि प्रधान देश में अन्नदाता की सुख-समृद्धि के सपने अब हकीकत में बदल रहे हैं, महाराष्ट्र भी इसमें सहभागी है। उन्होंने पीएम-फसल बीमा योजना में सुधार के सुझाव दिए ताकि किसानों को पूरा लाभ मिले। एफपीओ में सदस्य संख्या अधिकतम 100 रखने का सुझाव भी दिया।
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है, किंतु कर्ज मुक्ति एक प्राथमिक उपचार है, हमें किसान को उनके पैरों पर खड़े करने के लिए मूलभूत व्यवस्थाएं करने की जरूरत है। एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड सहित अन्य योजनाओं में इस तरह के प्रावधान है। यह योजना किसानों के जीवन में क्रांति लाने की योजना है। उन्होंने अनुसंधान आधारित खेती पर जोर दिया। राज्यों में किसानों की कमेटी बनाकर संवाद करने, केंद्र के स्तर पर हर महीने बैठक करने का भी सुझाव दिया है।
बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे, तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी, राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना तथा केरल के कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार ने भी अपने-अपने विचार रखे।

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