कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि अब चंदूलाल चंद्राकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नाम जाना जाएगा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में निवास कार्यालय से मंगलवार देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहली बार मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपायों के तहत छत्तीसगढ़ मंत्रिमण्डल के मंत्रियों के निवास कार्यालय और मुख्यमंत्री निवास कार्यालय को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ा गया। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मुम्बई से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए केबिनेट की बैठक में शामिल हुए।
इस बैठक में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलकर चंदूलाल चंद्राकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय कर दिया गया है, अब यह चंदूलाल चंद्राकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल कैबिनेट ने एक और बड़ा निर्णय लिया है, जिसमें अब छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी। स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुषों में से एक हैं, तथा डॉ.रमन सिंह सरकार में ही कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।
मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में संचालित अशासकीय शालाओं के लिए शुल्क विनियमन की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मंत्रिपरिषद की उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया गया।अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के कार्य क्षेत्र में संशोधन का अनुमोदन किया गया। प्राधिकरण क्षेत्र में पूर्व के दस जिलों के अलावा पुर्नगठित मुंगेली, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, बेमेतरा और बालोद जिले को प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आबंटन) नियम में संशोधन, जिसके तहत आयाकट विभाग को विलोपित कर आबंटित विषयों को जल संसाधन विभाग में समाहित करने का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 18वॉ वार्षिक प्रतिवेदन (01 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019) का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ आबकारी (संशोधन) विधेयक-2020 का अनुमोदन किया गया।
सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा, पण्डरिया, बालोद और अंबिकापुर में पी.पी.पी. मोड में ईथनॉल प्लांट स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। छत्तीसगढ़ में निवेश को बढ़ावा देने नवीन पर्यटन नीति-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। जिसमें राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटन को उद्योग का स्वरूप देने के साथ ही पर्यटन गतिविधियों में स्थानीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
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