मोतिहारी। विश्व यक्ष्मा दिवस (World tuberculosis day) पर बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से बैठक आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रंजीत रॉय (Dr Ranjit Ray) ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को पूरे विश्व में यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है। यूनाइटेड नेशन में 2030 तक विश्व में यक्ष्मा उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन प्रधानमंत्री (PM) भारत सरकार (Indian government) ने 2025 तक ही यक्ष्मा मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है।
इसे साकार करने के लिए टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान चलाया जा रहा है। टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान पर कई कार्यक्रम आयोजित हुए। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey), कार्यपालक निदेशक, राज्य अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। चिकित्सक डॉ. आशुतोष शरण (Dr Ashutosh Sharan) को यक्ष्मा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। डॉ आशुतोष शरण ने पूर्वी चम्पारण (East Champaran) जिले में लोगों को टीबी (TB) के प्रति जागरूक करने एवं बचाव के साथ टीबी पीड़ितों को बीमारी से मुक्त करने का काम किया है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रंजीत राय ने बताया कि जिला एवं प्रखंड स्तर पर प्रभात फेरी निकाली गई। इसके जरिए गांवों में टीबी पर जागरूकता फैलायी गयी। पूर्वी चम्पारण में टीबी की जांच व इलाज की बेहतरीन व्यवस्था है। टीबी की बीमारी होने पर मरीजों को मुफ्त में दवा मिलती है। विश्व यक्ष्मा दिवस समारोह में जिला संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ. रंजीत रॉय ने बताया कि टीबी संक्रमित मरीज़ों के इलाज में किसी भी तरह का कोई निजी खर्च वहन नहीं करना पड़ता है। दवा सहित अन्य जांच के लिए सरकारी स्तर पर सब कुछ उपलब्ध है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने एवं थूकने से फैलती है। दो सप्ताह या इससे अधिक समय तक खांसी, बलगम और बुखार, बलगम या थूक के साथ खून का आना, छाती में दर्द की शिकायत, भूख कम लगना, वजन में कमी आना आदि इसके लक्षण हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों व एसटीएस के माध्यम से खोजी अभियान में तेजी लाना बेहद ही जरूरी है। इससे टीबी के मरीजों की जल्द से जल्द पहचान की जा सकती है।